लखनऊ : उत्तर प्रदेश में संशोधित नागरिकता कानून के नाम पर विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुरानी लखनऊ इलाके में जमकर तोड़फोड़ और पत्थरबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगा दी और थाने में भी तोड़फोड़ की। सूबे में फैली हिंसा के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
महाबंदी के नाम पर जिस तरह की आगजनी की गई, वह अस्वीकार्य है। मैं स्वयं समीक्षा कर रहा हूं। हिंसा में लिप्त प्रत्येक व्यक्ति की संपत्ति जब्त करेंगे और सार्वजनिक संपत्ति के हुए नुकसान की भरपाई भी इन्हीं उपद्रवियों से करेंगे: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath
जी pic.twitter.com/WsTVJsMqzy— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 19, 2019
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। योगी ने कहा कि मैंने इस पर बैठक बुलाई है। आप विरोध के नाम पर हिंसा में शामिल नहीं हो सकते। हम ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। दोषी पाए गए लोगों की संपत्ति जब्त करेंगे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की भरपाई करेंगे। इसके साथ ही योगी ने कहा कि कांग्रेस, सपा औऱ साथी दल भड़काने में जुटे हैं। अनावश्यक भ्रम फैलाने की कोशिश में लगा है विपक्ष।
उन्होंने कहा कि महाबंदी के नाम पर जिस तरह की आगजनी की गई, वह अस्वीकार्य है। मैं स्वयं समीक्षा कर रहा हूं। हिंसा में लिप्त प्रत्येक व्यक्ति की संपत्ति जब्त करेंगे और सार्वजनिक संपत्ति के हुए नुकसान की भरपाई भी इन्हीं उपद्रवियों से करेंगे:
कुछ “डरे” हुए लोग क्या कर रहें है आप देखिए
अगर ये “निडर” होते तो क्या करते ये भी सोचिए।
Lynching Lynching चिल्लाने वाले लोग आज ख़ामोश है … pic.twitter.com/rejUveRjsG— Sambit Patra (@sambitswaraj) December 19, 2019
नये नागरिकता कानून के खिलाफ राजधानी लखनऊ में हिंसा भड़क उठी। उपद्रवियों ने पथराव किया, वाहनों को आग लगा दी जबकि संभल में दो सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया। असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह के मुताबिक 19 दिसंबर को किसी भी तरह के जमावड़े की अनुमति नहीं है। डीजीपी ने कहा, ‘‘पुलिस को राजधानी के मदेयगंज क्षेत्र में भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पडे़। करीब 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है।’’
शहर के अन्य कई हिस्सों में तनाव व्याप्त है। विशेषकर पुराने लखनऊ के मुस्लिम बहुल इलाकों में तनाव है। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। हसनगंज क्षेत्र में पथराव कर रही भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पडे़।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को हिरासत में ले लिया गया है। वह नागरिकता कानून के खिलाफ परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। परिवर्तन चौक स्थित के डी सिंह बाबू स्टेडियम के मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिये गये हैं क्योंकि पथराव कर रही भीड़ बड़ी संख्या में यहां जमा हो गयी थी।
भीड़ ने एक टीवी चैनल की ओ बी वैन में तोड़फोड़ की और उसे कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया। विपक्षी सपा एवं कांग्रेस विधायकों ने विधान भवन में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की। सपा विधायक सुबह ही विधान भवन में एकत्र हो गये हालांकि इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सपा विधायकों ने सीएए के खिलाफ नारेबाजी की। उसी समय कांग्रेस विधायकों ने भी प्रदर्शन किया।
सपा नेता चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के निकट एकत्र हुए और वहां नारेबाजी की। कांग्रेस विधायक भी निकट की सीढ़ियों पर प्रदर्शन कर रहे थे।
सपा का एक विधायक विरोध प्रकट करने के लिए मुख्य द्वार पर ही चढ़ गया। कांग्रेस के कुछ विधायक सड़क पर आये लेकिन पुलिस की अनुमति नहीं मिलने पर वे वापस विधान भवन परिसर में चले गये। सदन में सपा विधायकों ने पुलिस की ज्यादती का मुद्दा उठाना चाहा। उनका कहना था कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के उनके लोकतांत्रिक अधिकार का हनन किया जा रहा है। इस मुद्दे पर सपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया।
सपा नेताओं ने मंगलवार को सीएए, कानून व्यवस्था, महिलाओं के प्रति अपराध सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर विधानभवन के बाहर प्रदर्शन किया। देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच राज्य पुलिस ने बुधवार को कहा था कि किसी को भी प्रदेश भर में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं है।
संभल के जिलाधिकारी अविनाश के सिंह ने कहा, ‘‘जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं। यहां भीड़ ने एक बस को आग लगा दी जबकि एक अन्य को क्षतिग्रस्त कर दिया।’’ उन्होंने बताया, ‘‘एक थाने पर भी प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। इंटरनेट सेवाएं एहतियात के तौर पर बंद की गयी हैं।’’ मऊ में भीड़ ने पथराव किया, जिसके बाद आरएएफ और पीएसी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। यहां भी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई शिक्षकों ने मौन जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं। कानून का विरोध कर रहे छात्रों का रविवार को पुलिस से संघर्ष हुआ था, जिसमें 60 लोग घायल हो गये थे। प्रशासन ने विश्वविद्यालय को पांच जनवरी तक बंद कर दिया है।