गुडग़ांव : धर्म संबंधी पहचान छिपाकर युवती द्वारा युवक पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राज गुप्ता की फास्ट ट्रैक अदालत ने युवती के सभी आरोपों को खारिज करते हुए आरोपी युवक को बरी कर दिया है।
आरोपी की अधिवक्ता डा. अंजूरावत नेगी से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली की एक युवती ने नई दिल्ली स्थित साकेत पुलिस थाना में वर्ष 2017 की 6 अप्रैल को जीरो प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि क्षेत्र के ही युवक अजय (काल्पनिक नाम) ने गुडग़ांव में उसके साथ दुष्कर्म किया है। साकेत थाना पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर गुडग़ांव के डीएलएफ 2 पुलिस थाना में भेज दी थी। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर भौंडसी जेल भेज दिया था, जहां से उसे कुछ दिन बाद जमानत भी मिल गई थी।
अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले की जब जांच कराई गई तो मामले की परत दर परत सच्चाई खुलती गई। जांच मेंपाया गया कि जिस युवती ने युवक पर आरोप लगाए थे, वह वास्तव में अपनी पहचान छिपाकर युवक से मिली थी। वह युवक पर शादी के लिए दबाव बनाने लगी
थी। जब तक उसकी पहचान उजागर नहीं हुई थी, तब तक दोनों शादी के लिए भी तैयार हो गए थे। जब पहचान उजागर हुई तो युवती ने युवक से मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाना शुरु कर दिया था। जिस पर युवक ने साफ इंकार कर दिया था, उसके बाद भी युवती ने युवक के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया था। अदालत में युवती ने स्वीकार किया कि उसने जानबूझकर अपनी पहचान छिपाकर युवक से संबंध बनाए थे। उसने यह भी छिपाया था कि उसकी पहले शादी हो चुकी है और एक बच्चे की मां भी है।
अदालत ने पुख्ता सबूतों के आधार पर युवती के द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार पाया और आरोपी युवक को बरी कर दिया। अधिवक्ता का कहना है कि हालांकि आरोपी युवक ने भी युवती के खिलाफ जालसाजी की शिकायत साकेत पुलिस थाना में वर्ष 2017 की 3 अप्रैल को दी थी और सुरक्षा की मांग भी पुलिस से की थी, लेकिन पुलिस ने अपने कर्तव्य का सही रुप से पालन न करते हुए युवक के खिलाफ ही कार्यवाही कर दी थी।