अक्षय कुमार के साथ पीएम मोदी ने शेयर किए निजी जीवन के कई राज, कहा ‘विपक्षी दलों में मेरे कई दोस्त’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐक्टर अक्षय कुमार के साथ हुई अनौपचारिक इंटरव्यू में दिल के राज़ खोले। पीएम ने अपने बचपन की यादों से लेकर गुस्से पर नियंत्रण, पारिवारिक रिश्तों और जिंदगी के फलसफे पर दिल खोलकर बातें की। पीएम ने कहा कि राजनीति में आने और प्रधानमंत्री बनने का सपना उन्होंने नहीं देखा था। उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसे परिवार से आता हूं कि मुझे छोटी-मोटी कोई नौकरी मिल जाती तो भी मेरी मां सबको गुड़ खिला देती।

मैं कभी-कभी आश्चर्य करता हूं कि देश ने मुझे इतना प्यार कैसे दिया।’ पीएम ने अपने पढ़ने के शौक और सेना में जाने के सवाल पर कहा, ‘बचपन में मुझे किताबें पढ़ने का शौक था गांव की लाइब्रेरी में जाकर पढ़ता था। मैं सेना के जवानों को देखता था कि चीन युद्ध में सैनिकों का बड़ा सत्कार करते हैं। मैंने पढ़ा गुजरात में सैनिक स्कूल में दाखिल हो सकते हैं।

हमें तो अंग्रेजी आती नहीं थी तो हमारे मोहल्ले में स्कूल के प्रिंसिपल के पास चला गया। फिर रामकृष्ण मिशन में चला गया और ये सारे नए-नए अनुभव होने लगा। हिमालय में भटका, बहुत घूमा, देखा कुछ कन्फ्यूजन भी था। मन में सवाल कुछ करता फिर जवाब देता और ऐसे भटकते-भटकते यहां चला आया।’ मैं मुझे खोजने को चला जाता था।

एक सवाल पर पीएम ने कहा कि कई विपक्षी दलों के नेताओं से उनके बड़े अच्छे संबंध हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता गुलाम नवी आजाद से भी अच्छे संबंध होने की बात की जबकि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से भी अच्छे रिश्ते होने की बात की। उन्होंने बताया कि बंगला देश की पीएम शेख हसीना हर वर्ष मेरे लिए बंगाली मिठाई और कपड़े भेजती हैं । अब ममता दीदी भी बंगाल की मिठाई मुझे भेजते हैं।

उनका कहना था कि उन्होंने काफी कम उम्र में घर छोड़ दिया था। इसलिए अब पारिवारिक जिम्मेदारी नहीं निभाता हूँ बल्कि अब पूरा देश ही मेरा परिवार बन गया है। मां को साथ रखने के सवाल पर पीएम ने कहा कि अब जिम्मेदारी इतनी है और व्यस्तता काफी बढ़ गयी है इसलिए मैं समय नहीं दे पाता हूँ ।इसलिए उन्हें साथ नहों रखता हूँ। एक बार उन्हें पीएम हाउस लाया लेकिन काफी देर से आने के कारण वह बहुत चिंतित हो जाती थी। उनकी देखरेख परिवार के अन्य लोग करते हैं। मां वहां खुश है। पीएम ने कहा कि वे उन्हें कोई पैसे नहीं भेजते बल्कि मां ही उन्हें पैसे देती हैं।

राजनीति से रिटायर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं पीएम बनूंगा। इसलिए अभी तक ऐसा कुछ सोचा नहीं है लेकिन किसी न किसी मिशन के काम में ही लगा रहूंगा। इस संबंध में उन्होंने अटल , आडवाणी और प्रमोद महाजन के साथ हुई गुफ्तगू का एक किस्सा सुनाया जिसमें सभी रिटायरमेंट के बाद अपनी योजनाओं का खुलासा कर रहे थे।

अभिनेता अक्षय कुमार ने जब उनसे पूछा कि बाहर आपको लोग बेहद सख्त प्रशासक के रूप में जानते हैं आप का की कहना ? क्या आपको गुस्सा आता है ? इस पर पीएम ने कहा कि गुस्सा व नाराजगी मनुष्य का स्वाभाविक अंग है लेकिन वे अपने सहयोगियों को प्रताड़ित करने के बजाय प्रोत्साहित करते हैं।

अक्षय कुमार ने कहा कि आपके कर्मचारी कहते है कि आप काम बहुत करवाते हैं। उन्होंने कहा कि हाँ उनके साथ रहने वालों को काम अधिक करना पड़ता है क्योंकि वे स्वयं ही अधिक समय तक काम करते हैं और केवल 3 से साढ़े 3 घण्टे ही प्रतिदिन सोते हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जब भी मिलते हैं तो उन्हें हमेशा काम कम करने और सोने की अवधि बढ़ाने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि अब उनकी दिनचर्या ही ऐसी हो गयी है कि उनकी 3 घण्टे में पूरी हो जाती है।

एक सवाल के संदर्भ में उन्होंने जिक्र किया कि बचपन से लेकर गुजरात के सीएम बनने के अंतिम क्षणों तक भी अपने कपड़े खुद ही धोते थे। अब दिल्ली में व्यस्तता बढ़ गयी है।

जब उनसे पूछा गया कि गुजरात से सबसे अच्छी चीज क्या लेकर दिल्ली आए ? इस पर पीएम ने कहा कि मैं गुजरात का लांगेस्ट सर्विंग चीफ मिनिस्टर रहा हूँ। मुझे छोड़ कर कोई भी इस स्तर पर काम करने बाद पीएम नहीं बना है। केवल देवेगौड़ा जी ही पीएम बनने से पूर्व सीएम थे लेकिन थोड़े काल तक ही इस पद पर रहे हैं। मैं 13 साल से भी अधिक समय तक रहा इसलिए मुझे गुजरात में सिस्टम के साथ काम करने का पूरा अनुभव था जो यहां मेरे काम आया

पीएम ने यह भी बताया कि वे सुबह या दोपहर में चाय नहीं पीते हैं। केवल शाम को छह बजे चाय की जरूरत महसूस होती है जो खुले आकाश के नीचे बैठ कर पीता हूँ।

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