नई दिल्ली।।बहुत कम समय में भारतीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने वाले फास्ट बॉलर उमेश यादव टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाज हैं। हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के मैच में 10 विकेट लेना उनकी अभूतपूर्व उपलब्धि रही। गरीबी के कारण पढ़ाई पूरी न कर पाने वाले उमेश का मजदूर के बेटे से स्टार क्रिकेटर बनने तक का सफर आसान नहीं था।कई उतार चढ़ाव के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वे अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ स्तर पर हैं।
उमेश यादव से जुड़ी कुछ बातें :
उमेश कुमार तिलक यादव का जन्म 25 अक्टूबर 1987 को नागपुर में हुआ था। उनके पिता उत्तरप्रदेश के रहने वाले थे पर नागपुर के निकट खापरखेड़ा की वेस्टर्न कोल लिमिटेड की कॉलोनी में रहते थे। वो कोयला खदान में काम करते थे।
उमेश का बचपन भी गांव में बीता। स्कूली पढ़ाई के बाद वो पुलिस और सेना में नौकरी करना चाहते थे। उन्होंने इसके लिए बहुत कोशिश की पर सफल नहीं हो सके।
इसके बाद उन्होंने क्रिकेट का रुख किया और 2008 में रणजी से अपना करियर शुरू किया और जल्द वे सबकी नजर में आ गए और 2010 में टीम इंडिया के लिए पहला वनडे जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था, फिर 2011 में उमेश ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट खेला।
विदर्भ की टीम को घरेलू क्रिकेट में एक पिछड़ी हुई टीम के तौर पर जाना जाता है और इसी वजह से इस टीम के कप्तान प्रीतम गंधे ने उमेश यादव में छुपी हुई क्षमताओं को पहचान कर उनके करियर को आगे बढ़ाने में खास रुचि ली। उमेश विदर्भ के पहले खिलाड़ी हैं जिसने टेस्ट क्रिकेट खेला है।
विदर्भ की टीम में शामिल होने के बाद उमेश यादव ने पहली बार लेदर की गेंद से गेंदबाजी की। इसके पहले वह टेनिस बॉल से खेलते थे।
अब उमेश तीसरे ऐसे गेंदबाज बन गए हैं जिन्होंने भारत में ही दस विकेट लिए हैं उनसे पहले कपिल देव ने दो बार और जगावल श्रीनाथ ने दस विकेट लिए थे।
उमेश ने अब तक 40 टेस्ट मैच खेलें, जिसमें इन्होंने 277 रन बनाए और 117 विकेट हासिल किए। वहीं वनडे मैच की बात करें तो 75 मैचों में 106 विकेट हासिल किए।
उमेश की पत्नी तान्या वाधवा फैशन डिजाइनर है। उमेश से उनकी मुलाकात आईपीएल के दौरान में दिल्ली एक फ्रेंड के जरिए हुई थी। तीन साल की दोस्ती के बाद दोनों ने मई 2013 में शादी की।
उमेश अभी नागपुर के पास खापरखेड़ा में अपने माता-पिता, दो बड़े भाइयों के साथ रहते हैं। यहां उनका दो मंजिला घर है।