पीएम नरेंद्र मोदी लाल किले के प्राचीर से 21 अक्टूबर को तिरंगा फहराएंगे

Font Size

नई दिल्ली। अब तक आपने केवल 15 अगस्त पर देश के प्रधानमंत्री को लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हुए देखा होगा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार 21 अक्टूबर को भी यहां राष्ट्रध्वज फहराएंगे। पीएम मोदी ने अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो संदेश जारी कर बताया है कि वह इस बार 21 अक्टूबर को लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे। स्वभाविक है कि आपके जेहर में सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर पीएम मोदी ऐसा क्यों कर रहे हैं? पीएम ने वीडियो संदेश में आपके इस सवाल का जवाब दिया है।

उन्होंने बताया है कि सुभाष चंद्र बोस ने देश की आजादी के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। उस वक्त आजाद हिंद फौज ने भारत की आजादी का ऐलान करते हुए 21 अक्टूबर को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया था। 21 अक्टूबर 2018 को इस इस ऐतिहासिक घटना के 75 साल पूरे हो रहे हैं। इसी उपलक्ष्य में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दिन लाल किले के प्राचीर से झंडा फहराने का फैसला लिया है।

पीएम मोदी ने वीडियो संदेश में कहा है, ‘अगर कोई समाज अपने इतिहास से कट जाता है, तो उसका कटी हुई पतंग की तरह गिरना तय होता है। हम सभी का सम्मान करते हैं। जिसने इस देश की सेवा की हो, वह चाहे किसी भी दल का हो, हम उसका सम्मान करते हैं। उड़ीसा के पाइक विद्रोह के 200 वर्ष पूरे होने पर इसमें शामिल रहे अमर बलिदानियों को पिछले साल याद किया। कुछ दिन पहले सर छोटूराम की प्रतिमा के अनावरण के लिए मैं रोहतक में था। उनके जैसे बहुमुखी व्यक्ति के बारे में लोगों को अधिक से अधिक पढ़ना चाहिए, जिन्होंने कृषि, सिंचाई और भूमि सुधार के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर कार्य किया था।’

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘हमारी सरकार ने बाबा साहेब आंबेडकर से जुड़े हुए पंचतीर्थ के लिए भी काम किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि पांच महत्वपूर्ण स्थल बाबा साहेब के जीवन से जुड़ी अलग-अलग समय को प्रस्तुत करता है। 1857 से शुरू हुई आजादी लड़ाई में हमारे आदिवासी भाइयों ने बहुत बड़ा योगदान दिया। भगवान बिरसा मुंडा कौन जानता था, उन्हें भुला दिया गया था। हमने फैसला लिया है कि देश के जिन हिस्सों में ऐसे आदिवासी समाज के लोगों से जुड़े किस्से हैं, वहां म्यूजियम बनाए जाएंगे।’

You cannot copy content of this page