गुरुग्राम। गुरुग्राम सांस्कृतिक गौरव समिति द्वारा नवरात्र के अवसर पर आयोजित नौ दिवसीय व्याख्यानमाला में पांचवें दिवस *प्राण दायिनी गंगा मैया* विषय पर बोलते हुए अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री पूज्य स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि इस देश में गंगा है तो राम है, कृष्ण है, गौतम है। गंगा इस देश की जीवनधारा है। गंगा के साथ हमने मां का रिश्ता तय किया है। अतः इसको केवल भौतिकता के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। यह हमारी संस्कृति है, यह हमारी सभ्यता है। गंगोत्री से गंगासागर तक 25 सौ किलोमीटर गंगा करोड़ों लोगों का जीवन यापन करती है। अतः इसको नष्ट करने का षड्यंत्र हम सब के लिए घातक होगा। बीमारियों से लड़ने के लिए आवश्यक बैक्टीरियोंफेस नाम का वायरस केवल गंगा मैया के जल में ही मिलता है।
वैज्ञानिक कसौटी पर भी गंगा का जल 101% खरा उतरता है। गंगा मैया को बचाने का हर प्रयास होना चाहिए। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रभु प्रेमी संघ के अध्यक्ष श्री महेंद्र लाहोरिया ने कहा की आज का उद्बोधन निसंदेह समाज की आंखें खोलने वाला है। बेशक गंगा हरियाणा से होकर नहीं जाती परंतु हम सबको गंगा मैया की रक्षा पर विचार करना होगा।
गुरुग्राम सांस्कृतिक गौरव समिति का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है। गुरुग्राम सांस्कृतिक गौरव समिति के अध्यक्ष व्याख्यानमाला के संयोजक श्री अजय सिंहल ने कहा कि सरस्वती की धारा सूखने से हरियाणा, राजस्थान, गुजरात जिस प्रकार पानी की मार झेल रहा है। पानी की कीमत को समझ रहा है, उसी प्रकार मां गंगा के किनारे बसने वाले लोगों को गंगाजल की कीमत समझना चाहिए। गंगा को किसी भी कीमत पर बचाने के लिए तत्पर रहना चाहिए। सरकारी स्तर पर जो प्रयास हो रहे हैं निश्चित ही नाकाफी है। आज के व्याख्यान के आयोजक सचिन जिंदल ने मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का मंगल कलश व शोल उड़ाकर सम्मान किया।
कार्यक्रम का संचालन मोहित त्यागी ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर संघचालक जगदीश ग्रोवर, गौ भक्त राजकुमार राव, फिल्म अभिनेता राज चौहान, अमित लाहोरिया पाटलिपुत्र संस्कृतिक चेतना समिति के अध्यक्ष संजय सिंह, मंत्री संत कुमार , प्रकाश राय, पीसी गुप्ता, बीके मिश्रा, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर सपना सारवान ने अपने भजनों से आए हुए श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया।