बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि वे आर्थिक नहीं, सामाजिक आधार पर आरक्षण के पक्षधर हैं
दलित-महादलित समाज के आरक्षण का पक्ष लिया
पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना जिला जदयू के दलित-महादलित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी ताकत देश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण समाप्त नहीं कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि वे आर्थिक नहीं, सामाजिक आधार पर आरक्षण के पक्षधर हैं। जबतक दलित-महादलित समाज के हाशिए पर रहेंगे, देश में तबतक उनके लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू रहेगी।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने दलितों-महादलितों से कहा कि वे अपने मन से आरक्षण को लेकर हर तरह की शंका निकाल दें। उन्होंने पिछले 13 वर्षों के अपने शासनकाल में दलितों और महादलितों के विकास के लिए सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं की विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि अब दलितों व महादलितों को किसी के दरवाजे पर जाकर नौकरी मांगने की जरूरत नहीं है। उनके लिए सरकार ने उद्यम लगाने के इंतजाम किए हैं। उन्होंने दलितों से ही अपने विकास से संबंधित सुझाव आमंत्रित किए और कहा कि आप बस एक कागज पर पार्टी के प्रदेश कार्यालय में एक चिठ्ठी डाल दें। हम उस सुझाव पर जरूर विचार करेंगे।
वशिष्ठ ने गिनाई दलितों के उत्थान की योजनाएं
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने पिछले 13 वर्षों में उनकी सरकार द्वारा दलितों व महादलितों के विकास के लिए शुरू की गई योजनाओं की चर्चा की। उन्होंने कहा कि बिहार में दलितों व महादलितों के लिए नौकरी, रोजगार, शिक्षा, आवास और स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके लिए उद्यमी बनने के रास्ते खुल चुके हैं। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा कि दलित इस देश के मूल निवासी हैं। उन्हें शिक्षा का महत्व समझना होगा।