गुरुग्राम। उपायुक्त ने बताया कि वन विभाग द्वारा घोषित वन क्षेत्र के अलावा भी गैर मुमकिन पहाड़ तथा जलाशयो आदि को नेचुरल कंजरवेशन जोन(एनसीजेड) में शामिल करने के लिए ग्राउंड ट्रूथिंग की एक्सरसाइज शुरू की गई थी, जिसे अब जिला के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर जाकर देखेंगे कि इस एक्सरसाइज में जो प्राकृतिक संपदा बताई गई है वह वहां है या नही। उन्होंने बताया कि गैर वन क्षेत्र को नेशनल कंजरवेशन जोन में शामिल किया जाए अथवा नही, यह निर्णय वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी करेगी। इस कमेटी की वैरिफिकेशन के बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी जहां से इसे एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेज दिया जाएगा।
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड द्वारा फिर इसे नेचुरल कंजरवेशन जोन घोषित कर दिया जाएगा जिसके बाद प्राकृतिक संपदा जैसे अरावली प्लांटेशन, जलाशयों, जोहड़ आदि के स्वरूप में बदलाव नही किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि भूमिगत जल स्तर को रिचार्ज करने तथा ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए आवश्यक एरिया को एनसीजेड में शामिल करने का प्रयास होगा।