नई दिल्ली। राफेल डील का मुद्दा इन दिनों राजनीतिक गलियारों में गरमाया हुआ है। जहां एक तरफ इस मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती, वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार इस मामले में विपक्ष के हर आरोप पर पलटवार कर रही है। इस मामले को लेकर दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने अपने बयानों में शब्दों पर नियंत्रण खो दिया है। राफेल मामले को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली खुलकर सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि तमाम आरोपों के बावजूद यह सौदा रद्द नहीं होगा।
अरुण जेटली ने एएनआई को दिए साक्षात्कार में राहुल द्वारा पीएम मोदी को चोर कहने वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सार्वजनिक संवाद कोई लाफ्टर चैलेंज नहीं है। आप कभी भी हग करलो, आंख मारलो फिर गलत बयान 10 बार देते रहो। लोकतंत्र के प्रहरी होते हैं लेकिन शब्दावली ऐसी हो जिसमें बुद्धि दिखाई दे। लोकतंत्र में आपके पास आलोचना का अधिकार है लेकिन शब्दों का इस्तेमाल संभलकर करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने ओलांद के राफेल को लेकर दिए बयान को लेकर कहा कि मुझे इस बात में कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि यह सब गुप्त रूप से बनाई हुई योजना का हिस्सा है। 30 अगस्त को उन्होंने (राहुल) क्यों ट्वीट कर कहा कि पेरिस में कुछ बम चलने वाले हैं और फिर उसी लय में सबकुछ हुआ जैसा कि उन्होंने अंदाजा लगाया था। उन्हें कैसे मालूम कि ऐसा बयान आने वाला है? यह जो इस तरह की जुगलबंदी है, मेरे पास कोई सबूत नहीं हैं लेकिन मन में प्रश्न खड़ा होता है।