प्राकृतिक खेती को अपनाएं किसान : डा. अनिल तंवर

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-रसायनों के प्रयोग से बीमार हो रहे हैं इंसान
– फर्रूखनगर में किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

गुरुग्राम, 1 जनवरी। किसानों को खेती में रसायनों का प्रयोग करते हुए जैविक कृषि की ओर अपने कदम बढ़ाने चाहिए। रासायनिक खेती के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। मानव जाति को बचाना है तो कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल लगातार कम करना होगा।’

फरुखनगर में गुरुग्राम किसान क्लब के चेयरमैन राव मान सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किए गए किसान प्रशिक्षण शिविर में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. अनिल तंवर ने आज यह बात कही। उन्होंने कहा कि जनहित में किसानों को अब जहरमुक्त खेती को अपनाना चाहिए। केंद्र और हरियाणा सरकार भी प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दे रही है। अधिक उर्वरकों व कीटनाशकों के प्रयोग से हमारी धरती की उपजाऊ शक्ति क्षीण होती जा रही है। भारत सरकार के कीटनाशक सूत्रीकरण संस्थान के प्रमुख अधिकारी डा. एम.के. रेड्डी ने इस अवसर पर बताया कि सब्जियों में केमिकल का दुष्प्रभाव होने से उनके सेवन का लाभ मिलने की बजाय शरीर में रोग पैदा हो रहे हैं। आज हर आदमी विषयुक्त भोजन खाने को विवश है। उसके पास कोई भोजन का विकल्प नहीं है। इसलिए किसानों को जैविक खेती के विषय में गंभीरता से विचार करना होगा।

कृषि विज्ञान केंद्र की डा. अनामिका शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक कृषि को सरकार ने अब एक मिशन के रूप में मान्यता दे दी है। आने वाले समय में बाजार से रासायनिक उत्पाद गायब होते चले जाएंगे और उनके स्थान पर किसानों को नेचुरल प्रोडक्ट बेचे जाएंगे। इस शिविर में रूडसेट संस्थान के निदेशक निर्मल यादव ने बताया कि ग्रामीण परिवेश के शिक्षित युवा उनके प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग लेकर स्वरोजगार आरंभ कर सकते हैं। अग्रणी बैंक अधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि किसानों को अपना क्रेडिट कार्ड बनवाने में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो वे एलडीएम ऑफिस को  इस बारे में शिकायत कर सकते हैं। शिविर में इफको के प्रबंधक हितेंद्र ने बताया कि नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के इस्तेमाल से कृषि उपज के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। लुवास यूनिवर्सिटी के डा. के.के. यादव ने इस सर्द मौसम में पशुओं को होने वाली बीमारियां व उनके उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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