अब हरियाणा में बिना एनओसी के बना सकेंगे चौथी मंजिल

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की घोषणा

चंडीगढ़, 13 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कृषि जोन में शैक्षणिक संस्थानों को सीएलयू की अनुमति देने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए एनओसी को समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा ग्रीन बिल्डिंग में 3 से 15 प्रतिशत तक एफएआर में छूट दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आज यहां नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की उपलब्धियों के संबंध में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में की।

उन्होंने बताया कि कृषि जोन में शैक्षणिक संस्थाओं को स्थापित करने के लिए सीएलयू की अनुमति हेतु राज्य सरकार से जोनिंग विनियमों एवं नियमों में ढील/छूट ली जानी अनिवार्य थी जिससे लोगों को लम्बी प्रकिया से गुजऱना पड़ता था तथा उनके धन एवं समय की हानि होती थी। वर्तमान सरकार ने नई नीति बनाई जिसके अनुसार शैक्षणिक संस्थान अब कृषि जोन में अनुज्ञेय हैं और अब इन गतिविधियों के लिए लोगों को सरकार से छूट लेने की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने बताया कि राज्य में बिल्डिंग बायलॉज में एकरूपता लाने के लिए हरियाणा भवन संहिता, 2017 बनाया गया है। अब पूरे राज्य में सभी विभाग इसी कोड के तहत अनुमति प्रदान करते हैं। सभी रिहायशी प्लाट भवन योजना एवं कब्जा प्रमाणपत्र हेतु स्व-प्रमाणीकरण प्रणाली लागू की गई है। 2000 वर्ग मीटर के वाणिज्यिक प्लाट के लिए बिल्डिंग प्लान पर स्व-प्रमाणीकरण लागू किया गया है। 1000 वर्ग मीटर तक के कब्जा प्रमाणपत्र हेतु स्व-प्रमाणीकरण लागू किया गया है तथा 1001 से 2000 वर्ग मीटर आकार के एवं 15 मीटर की उंचाई के वाणिज्यिक भवनों पर भी तृतीय पार्टी प्रमाणीकरण लागू किया गया है। इसके अतिरिक्त, औद्यौगिक प्लाटों पर भी भवन योजना एवं कब्जे हेतु स्व-प्रमाणीकरण लागू किया गया है। रिहायशी भवन में चार मंजिल का प्रावधान किया गया।

उन्होंने बताया कि संस्थागत एवं शैक्षणिक भवनों के लिए 150 प्रतिशत एफएआर भी दिया गया है, जोकि पहले 100 प्रतिशत था। रिहायशी क्षेत्रों में पार्किंग की समस्या का निवारण करने हेतु स्टिल्ट का प्रावधान भी किया गया एवं 150 वर्ग मीटर या इससे अधिक के हरेक रिहायशी प्लाट में कार बे देने के लिए अनिवार्य कर दिया गया। रिहायशी प्लाटों में बेसमेंट का रिहायशी उपयोग करने की अनुमति दी गई है। ग्रीन बिल्डिंग के मानदण्डों को अपनाने वाले भवन मालिकों को 3 से 15 प्रतिशत तक अतिरिक्त एफएआर का लाभ दिया जाता है।

अब किफायती मकानों के निर्माण के लिए 5 से 15 एकड़ भूमि पर मिलेंगे लाइसेंस

चंडीगढ़, 13 सितंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में अनधिकृत कालोनियों के विकास की रोकथाम तथा आम जनता को सस्ते प्लाट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दीनदयाल उपाध्याय जन आवास योजना के तहत अब सस्ते किफायती मकानों के निर्माण के लिए 5 से 15 एकड़ भूमि पर लाइसेंस प्रदान किये जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने यह जानकारी आज यहां नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की उपलब्धियों के संबंध में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में दी ।

सरकार द्वारा अफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग कोलोनी के लिए छोटे कस्बों में अधिकतम सीमा 75 एकड़ तथा गुरुग्राम में 300 एकड़ की सीमा को सरकार ने हटा लिया है। इसके अलावा, प्रत्येक रिहायसी सैक्टर में अधिकतम सीमा को 10 एकड़ से बढ़ाकर 15 एकड़ कर दिया है तथा इस स्कीम के तहत फ्लैटों के आवंटन में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को प्राथमिकता प्रदान की जाती है।

उन्होंने बताया कि 1534 लाइसेंस पिछली सरकारों के दौरान दिए गए, उनमें ज्यादातर वर्ष 2002 के बाद से दिए गए, लेकिन पिछले 4 साल के दौरान वर्तमान सरकार ने 175 लाइसेंस दिए, जिनमें पंडित दीन दयाल उपाध्याय आवास योजना के तहत आने वाली कॉलोनियों के लिए 107 लाइसेंस तथा 68 अन्य लाइसेंस दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि पंडित दीन दयाल जन आवास योजना के तहत 5 से 15 एकड़ भूमि पर लाईसेंस प्रदान किए जाते हैं। प्लाट का अधिकतम साईज 150 वर्ग मीटर रखा गया है। इस योजना की लोकप्रियता एवं सफ लता के मद्देनजऱ सरकार ने इसे उच्च क्षमता वाले शहरों में भी लागू किया है। अभी तक विभाग ने 1051 एकड़ क्षेत्र पर 107 लाईसेंस प्रदान किए है, जिससे 20819 रिहायशी प्लाट आम जनता के लिए उपलब्ध हो गए हैं। इसके अतिरिक्त 39 एल.ओ.आई 415 एकड़ क्षेत्र पर जारी कर दिए गए हैं, जिससे 7392 रिहायशी प्लाट मध्यम वर्ग के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। इसके तहत 1250 एकड़ भूमि के लिए 120 आवेदन और प्राप्त हुए हैं, जिन्हें शीघ्र विभाग द्वारा लाईसेंस प्रदान किये जाएंगे। इससे लगभग 22220 अतिरिक्त रिहायशी प्लाट उपलब्ध होंगे। प्रदान किए गए लाईसेंसों में से 6 कॉलोनियों के कम्पलीशन सर्टिफिकेट भी जारी किए जा चुके हैं। इन कॉलोनियों में कुल 950 रिहायशी प्लाट तथा 2850 रिहायशी यूनिट्स उपलब्ध करवाये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन 250 लाइसेंस मिलने से लगभग 1 लाख 50 हजार लोंगों को सुविधा मिलेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री अमित आर्य, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रधान सचिव श्री ए.के. सिंह व निदेशक श्री के.एम. पांडूरंग, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री समीर पाल सरो तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक श्री जे. गणेशन भी उपस्थित थे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रधान सचिव श्री ए.के. सिंह व निदेशक के.एम. पांडूरंग, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री समीर पाल सरो तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक जे. गणेशन भी उपस्थित थे।

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