प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में विधानसभा कूच करेंगे कर्मचारी : सुभाष लम्बा

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कर्मचारी नेता का दावा : आगामी 10 सितम्बर को विधानसभा कूच ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व होगा

जिला कार्यकारिणी की मीटिंग में आन्दोलन की रूपरेखा तैयार

कर्मचारियों ने कासी कमर,  दिल्ली में आयोजित संधर्ष रैली में भी होंगे शामिल 

 
गुरुग्राम,30 अगस्त। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी और मांगों के प्रति घोर उपेक्षापू्र्ण रवैयें के खिलाफ 10 सितंबर के विधानसभा कूच के लिए कर्मचारियों ने कमर कस ली है। विधानसभा कूच ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व होगा। यह दावा सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा ने जिला कार्यालय में आयोजित जिला कार्यकारिणी की मीटिंग को संबोधित करते हुए किया। जिला प्रधान कंवर लाल यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस मीटिंग में केंद्रीय कमेटी के उपाध्यक्ष सुरेश नौहरा, सचिव संजय सैनी, प्रेस सचिव औमबीर शर्मा, बिजली के नेता सुरेंद्र मलिक,नगर निगम के नेता राम सिंह,बसंत कुमार आदि सभी विभागों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
 
मीटिंग में सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ सोमवार से प्रदेश में चल रही स्वास्थ्य विभाग के एमपीएचडब्ल्यू की सफल हड़ताल का पुरजोर समर्थन किया और सरकार से बातचीत से उनकी मांगों का समाधान कर हड़ताल समाप्त करवाने की मांग तथा एस्मा लगाने की कड़ी निन्दा की।  मीटिंग में पुरानी पेंशन स्कीम बहाली व कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाने आदि मांगों को लेकर 5 सितंबर को रामलीला मैदान दिल्ली में आयोजित संधर्ष रैली में भी राज्य के कर्मचारी बढ़-चढ़ कर भाग लेने का भी निर्णय लिया।
 
महासचिव सुभाष लांबा ने कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने मंगलवार को कम्पनी एक्ट में संशोधन कर कारखाना मालिकों को लाईसेंस लेने की छूट देने व 300 कर्मचारियों व मजदूरों की छंटनी करने में सरकार की अनुमति न लेने की छूट देने की घोर निन्दा की। उन्होंने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के हको में श्रम कानूनों में बड़ी बेशर्मी से कर्मचारी व मजदूर विरोधी संशोधन कर रही है। जिसका कर्मचारी व मजदूर तीखा विरोध करेंगे। महासचिव सुभाष लांबा ने बताया कि सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की सेवाएं बचाने और कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने के लिए मानसून सत्र में बिल लाने का आश्वासन सकसं को दिया था। लेकिन अब सरकार इस निर्णय से यू टर्न लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी डालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कि भाजपा ने धोषणा पत्र में कर्मचारियों से पंजाब के समान वेतनमान देने, सफाई कर्मचारियों सहित अन्य कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने, आउटसोर्सिंग, निजीकरण व ठेका प्रथा की नीतियों पर रोक लगाने,15 हजार न्यूनतम वेतनमान देने, छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, शिशु शिक्षा भत्ता दोगुना करने आदि के वादे किए थे। लेकिन मनोहर लाल सरकार ने इनमें से एक वादे पर अभी तक अमल नहीं किया।
 
 उपाध्यक्ष सुरेश नौहरा ने कहा कि सरकार न तो कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना चाहती और न ही समान काम- समान वेतन देना चाहती। सरकार वास्तविक खर्च पर आधारित केशलेस मेडिकल सुविधा भी कर्मचारियों, पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों को देने के लिए तैयार हैं। सरकार मकान किराए भत्तें में जनवरी,2016 से बढ़ोतरी न करके कर्मचारियों के करोड़ों रुपए प्रतिमाह डकार रही है। पेंशनर्स की बढ़ती उम्र के अनुसार पेंशन में बढ़ोतरी नहीं कर रही है। निकाय विभाग, रोडवेज, एमपीएचडब्ल्यू, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों, बिजली, टूरिज्म,जन स्वास्थ्य, सिंचाई विभाग, मिनिष्ट्रीयल स्टाफ के साथ किए समझौते को लागू नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में वर्कलोड के अनुसार 5 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार इनको नहीं भर रहीं हैं।
 
उन्होंने बताया कि सरकार बढे हुए वर्कलोड के अनुसार नये पद सृजित नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नये पद सृजित कर उनके विरुद्ध भर्ती करने की बजाय पुराने स्वीकृत पदों के विरुद्ध भर्ती के विज्ञापन दे रही है। जबकि इन पदों के विरुद्ध पहले से अनुबंध कर्मचारी काम कर रहे हैं। सरकार 8 से 10 वर्षो से कार्यरत कच्चे कर्मचारियों की छंटनी करना चाहती है। जिसका कर्मचारी तीखा विरोध करेंगे।

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