राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने आज छठी बार बैठक कर राज्य में चल रहे राहत और बचाव अभियानों की समीक्षा की। कैबिनेट सचिव श्री पी.के.सिन्हा ने बैठक की अध्यक्षता की। केरल के मुख्य सचिव ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया और बताया कि हालातों में अब सुधार हो रहा है और कुछ जगहों पर अभी भी पानी भरा हुआ है। पानी का स्तर तेजी से घट रहा है।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने राज्य सरकार के आग्रह पर अतिरिक्त 89,540 मीट्रिक टन चावल आवंटित किया है।
उपभोक्ता मामले विभाग ने 100 मीट्रिक टन दालों की अतिरिक्त आपूर्ति के अलावा अतिरिक्त मात्रा में मूंग दाल और तुअर दाल भेजी है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने केरल के मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एलपीजी वितरण के लिए विशेष केन्द्र खोले हैं। एलपीजी सिलेंडर ले जाने के लिए गैर-प्रमाणित वाहनों को भी राज्य सरकार की मदद से अनुमति दी है। मंत्रालय ने 3.2 लाख एलपीजी सिलेंडरों और 2.2 लाख रेगुलेटरों की भी व्यवस्था की गई है।
रेलवे ने 2.7 लाख पानी की बोतलों के अलावा 24 लाख लीटर पीने का पानी की आपूर्ति की है। एर्नाकुलम में फिलहाल 14 लाख लीटर पानी उपलब्ध है। रेलवे ने चादर और कंबलों को भेजने की भी व्यवस्था की हैं। सभी खंडों की रेलगाडि़यों को दोबारा शुरू किया गया है। केरल के लिए विभिन्न राज्यों से राहत सामग्री परिवहन के माध्यम से निशुल्क भेजी जा रही है।
सभी प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की व्यवस्था फिर से शुरू करने के लिए कार्य योजना तैयार हो चुकी है। 94 प्रतिशत टेलिकॉम टॉवर शुरू हो चुके है। टेलिफोन एक्सचेंजों में प्राथमिकता के आधार पर बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय 3 करोड़ क्लोरीन की गोलियां भेजेगा। इससे पहले, स्वास्थ्य मंत्रालय एक करोड़ क्लोरीन की गोलियां भेज चुका है। 30 टन ब्लीचिंग पाउडर तथा 1.76 लाख सेनेटरी पैक भी भेजे जा चुके है। अतिरिक्त संख्या में सामग्री अगले कुछ दिनों में भेजी जाएगी। अभी तक वहां से कोई गंभीर बीमारी की सूचना नहीं है।
राज्य सरकार की जरूरत के अनुसार, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा पर्याप्त मात्रा में मसालें, नमक, चाय और कॉफी भी भेजी जा रही हैं।
वित्त मंत्रालय ने केरल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई राहत सामग्री से कस्टम ड्यूटी ऑफ आईजीएसटी हटाने का निर्णय लिया है।
एनसीएमसी बैठक में स्वास्थ्य, टेलिकॉम, उपभोक्त मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, विद्युत, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, वाणिज्य और कपड़ा मंत्रालय के सचिवों सहित रक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के अधिकारियों ने भाग लिया।