लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर निमार्ण में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्यसभा में बहुमत होने की दशा में भाजपा सरकार मंदिर निमार्ण का मार्ग प्रशस्त कर सकती थी।
केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि राम मंदिर प्रकरण उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है और उम्मीद है कि जल्द ही इस विवाद का समाधान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने राजनीति फायदे के लिये मंदिर निमार्ण में रोड़ा अटका रही है। भाजपा के पास राज्य सभा में बहुमत होता तो मंदिर निमार्ण का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता था। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकार राम मंदिर निमार्ण के लिए कटिबद्ध है। राम मंदिर निमार्ण तीन तरीके से हो सकता है। पहला उच्चतम न्यायालय के फैसला आने के बाद, दूसरा दोनों पक्षों में समझौते के माध्यम से या फिर यह संसद में कानून बनाकर संभव है।
डिप्टी सीएम ने बताया कि संतों और देश की जनता का दबाव है कि द्वारिका मंदिर की तरह ही अयोध्या में राम मंदिर निमार्ण के लिए कानून बनाया जाए लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार (राजग) के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। बिना बहुमत के इस तरह के कानून को पारित नही कराया जा सकता है।