देवघर /झारखण्ड : श्रावणी मेला, 2018 के सफल संचालन एवं कांवरियों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। मंदिर के उत्तर में स्थित शिवगंगा का अपना खास हीं महत्व है। यहाँ आए श्रद्धालु जलार्पण से पहले यहाँ स्नान कर जल का संकल्प करवाते हैं; जिससे यहाँ काफी भीड़ हो जाती है। भीड़ बढ़ने की स्थिति में किसी प्रकार की अप्रिय घटना होने की संभावना भी बढ़ जाती है। अतः यहाँ आए कांवरियों को स्नान के दौरान तालाब में डूबने से बचाने हेतु सरकार द्वारा एन0डी0आर0एफ0 के जवान प्रतिनियुक्त किये गये हैं; जो तत्त्परता के साथ लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। साथ हीं यहाँ नाव की व्यवस्था भी की गई है; जिसका उपयोग कर वहाँ तैनात एन0डी0आर0एफ0 की टीम बचाव कार्य कर रही है।
प्रतिवर्ष मेला के दौरान यहाँ आए श्रद्धालुओं में से कुछ श्रद्धालु इस सरोवर में स्नान के दौरान पैर फिसलने या तैराकी करते हुए डूब जाते थे और शीघ्रतापूर्वक बचाव कार्य न होने के कारण उनमे से कुछ की मृत्यु भी हो जाती थी। इसी बात को ध्यान रखते हुए सरकार के द्वारा यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है; जो अपने आप मे कारगर सिद्ध हो रहा है।
इनके द्वारा जहाँ शिवगंगा में नाव के माध्यम से लोगों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है; वहीं मेडिकल शिविर लगवाकर ये राहत कार्य कर रहे हैं। वोट की सहायता से एन0डी0आर0एफ0 के जवान शिवगंगा सरोवर के चारों और चक्कर लगा रहे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर बचाव कार्य किया जा सके। स्नान के दौरान या किसी अन्य प्रकार से कोई व्यक्ति सरोवर में डूब न जाय इसलिए वहाँ स्नान करने वाले लोगों को वे निर्देशित भी करते रहते हैं कि वे पानी में ज्यादा गहराई की ओर न जाएँ, वहाँ डूबने का खतरा हो सकता हैं।
इन बचाव दलों की कार्यकुशलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज दिनांक-12.08.2018 को एन0डी0आर0एफ0 के जवानों के द्वारा शिवगंगा में एक महिला बम को डूबने से बचाया गया। इस बम का नाम-श्रीमती मालती देवी, पति-श्री मुंशी सिंह, उम्र-60 वर्ष है। ये ग्राम-महेशमुण्डा, जिला-गिरीडीह (झारखण्ड) की रहने वाली हैं। शिवगंगा में जब ये स्नान कर रही थी, तो अचानक उनका पाँव फिसल गया; जिससे वह गहरे पानी की ओर चली गयी और डूबने लगी। जब वहाँ तैनात जवानों ने उन्हें डूबते देखा तो तत्त्परता दिखाते हुए उन्हें सुरक्षित पानी से बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार कर आगे ईलाज हेतु उन्हें सदर अस्पताल भेजा गया।