नई दिल्ली।
मंत्रालय की उपलब्धियों और पहलों की चर्चा करते हुए श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं काफी कम समय में सफल हुई हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय स्तरों पर कोशिशें की गई जिससे लोगों में व्यवहारिक बदलाव दिखा और जन्म में स्त्री-पुरूष अनुपात में सुधार हुआ।‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं काफी कम समय में सफल हुई हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय स्तरों पर कोशिशें की गई जिससे लोगों में व्यवहारिक बदलाव दिखा और जन्म में स्त्री-पुरूष अनुपात में सुधार हुआ।‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं काफी कम समय में सफल हुई हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय स्तरों पर कोशिशें की गई जिससे लोगों में व्यवहारिक बदलाव दिखा और जन्म में स्त्री-पुरूष अनुपात में सुधार हुआ।
श्रीमती गांधी ने अपने मंत्रालय की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए छह माह की मातृत्व अवकाश, कार्य-स्थल पर यौन शोषण कानून, शी-बॉक्स, वन स्टॉप सेंटर्स, सर्वव्यापी महिला हेल्पलाइन (181), पुलिस भर्ती में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण जैसी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने यह भी कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आग्रह पर गृह मंत्रालय ने हाल ही में महिला संबंधी मुद्दों पर एक विशेष विभाग का गठन किया है। यौन शोषण के मामले में दोषियों की धर-पकड़ में फोरेंसिक विश्लेषण की भूमिका को अहम बताते हुए श्रीमती गांधी ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में चंडीगढ़ में सखी सुरक्षा उन्नत डीएनए फोरेंसिक प्रयोगशाला की आधारशिला रखी गई है और गुवाहाटी, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे और भोपाल में भी पांच और उन्नत फोरेंसिक प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी। श्रीमती गांधी ने कहा कि सभी थानों और अस्पतालों को बलात्कार मामलों के लिए विशेष फोरेंसिक किट उपलब्ध कराए जाएंगे। इनके लिए निर्भया फंड से राशि उपलब्ध कराई जाएगी।, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे और भोपाल में भी पांच और उन्नत फोरेंसिक प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी। श्रीमती गांधी ने कहा कि सभी थानों और अस्पतालों को बलात्कार मामलों के लिए विशेष फोरेंसिक किट उपलब्ध कराए जाएंगे। इनके लिए निर्भया फंड से राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव ने मंत्रालय को पुरस्कार देने के लिए स्कोच ग्रुप का धन्यवाद किया और मंत्रालय की विभिन्न पहलों के बारे में बताया।