सेक्टर 16 में आंधी व तूफान के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त
24 घंटे से भी अधिक समय से बिजली व पेय जल आपूर्ति बाधित
न निगम के कारिंदे देखने आये और न ही बिजली विभाग ने सुध ली
सेक्टर वासी परेशान , आन्दोलन की राह पर उतारू
फरीदाबाद : फरीदाबाद के सेक्टर 16 में आंधी व तूफान के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. सेक्टर की कई सड़कों पर कई जगह पेड़ गिर गए. इससे बिजली के पोल टूटे हुए हैं. रविवार रात से ही इस पाश आवासीय सेक्टर में बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित है. इसके कारन पेयजल आपूर्ति भी बंद है. आर डब्ल्यू ए सेक्टर 16 के प्रधान पंडित वी के शास्त्री ने कई बार अधिकारियों को इसकी जानकारी देने की कोशिश की लेकिन न तो कोई फोन उठा रहे हैं और न ही किसी ने इस सेक्टर की सुध ली. एक दिन की आंधी ने फरीदाबाद प्रशासन के आपदा प्रबंधन के दावे की पोल खोल दी है.
आर डब्ल्यू ए सेक्टर 16 के प्रधान पंडित वी के शास्त्री ने बताया कि रविवार को आई तेज आंधी के कारन यहाँ कई पेड़ सड़क पर गिर पड़े हैं. रास्ते बाधित है. यही नहीं कई पेड़ बिजले के तार पर गिरे जिससे बिजली आपूर्ति पिछले 24 घंटे से भी अधिक समय से बंद है. आपदा प्रबंधन तो दूर इस सेक्टर की कोई सुध लेने वाला नहीं है. जिस शहर में एक केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश के केबिनेट मंत्री रहते हों वहाँ की यह हालत है यह अपने आप में आश्चर्यजनक नहीं बल्कि विचारणीय स्थिति है.
सेक्टर के लोगों का कहना है कि पिछले 15 दिनों से फरीदाबाद प्रसाशन इस बात का दावा करते थक नहीं रहे थे कि पूरा प्रसाशन आपदा प्रबंधन के लिए तैयार है. किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है. लेकिन हलकी सी आंधी ने इनकी पोल खोल दी. सेक्टर 16 में पिछले 24 घंटे से भी अधिक समय से बिजली बाधित है. पेय जल आपूर्ति नहीं है. सड़क पर गिरे पेड़ को हटाने वाला कोई नहीं है. फोन पर कोई सुनने वाला नहीं है. किसी ने अब तक खबर नहीं ली है कि यहाँ की जनता किस हाल में है. अब तक न तो नगर निगम का कोई अमला आया और न ही बिजली विभाग के कारिंदे.
सेक्टर 16 वासी लगातार आर डब्ल्यू ए सेक्टर 16 के प्रधान पंडित वी के शास्त्री के पास शिकायत लेकर आ रहे हैं. प्रधान पंडित वी के शास्त्री ने कई बार प्रसाशनिक अधिकारियों से सम्पर्क साधने की कोशिश की लेकिन कोई फोन अटेंड करने वाला नहीं. सेक्टर के लोग आंदोलित है. उनका कहना है कि न तो यहाँ के जनप्रतिनिधि को इस सेक्टर की फ़िक्र है और न ही अधिकारी को. अगर यही हाल रहा तो लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे.