बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नाम पर ठगी करने का मामला दर्ज

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 गुरुग्राम के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में हुआ मामला दर्ज 

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी के आदेश पर हुआ मामला दर्ज 

हरियाणा सहित कई राज्यों में इस नाम पर चल रहा है गोरखधंधा 

गुरुग्राम : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी अशोक यादव के आदेश पर गुरुग्राम के शिवजी नगर थाने में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नाम पर लोगो को ठगने का मामला दर्ज कराया गया है। आरोप है कि कुछ लोग इस योजना के नाम पर लोगों से एक फॉर्म भरवा कर उन्हें झांसा देते हैं कि उनके खाते में मंत्रालय की ओर से डायरेक्ट पैसे डेल जाएंगे। इस नाम पर उन परिवारों से पैसे ऐंठे जा रहे हैं। यह कारनामा हरियाणा में भी बड़े पैमाने पर हो रहा है और इस प्रकार के फर्जी फॉर्म में यहां से भी मिले हैं। यह मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
 उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को वर्ष 2017 के आरंभ से ही बहुत से लड़कियों और महिलाओं द्वारा भरे गए फर्जी आवेदन प्राप्त हो रहे थे।खबर है कि इन आवेदनो में “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना” के नाम पर नकद राशि दिए जाने का झूठा प्रलोभन दिया गया है। इस संबंध में केन्द्रीय बाल विकास मंत्रालय द्वारा गत 19 दिसम्बर 2017 को एक एडवाइजरी जारी कर बताया गया कि इस फर्जी आवेदन पत्र को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी नहीं किया है।

मंत्रालय की ओर यह स्पष्ट किया गया था केंद्र सरकार द्वारा “बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ योजना” के अंतर्गत व्यक्तिगत रूप से नकद रूपए देने का कोई प्रावधान नहीं है। “बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना” सामाजिक प्रणाली में चुनौतीपूर्ण विचार धाराओं और पितृसत्ता की गहरी जड़ों पर प्रहार करने और बालिकाओं की शिक्षा को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती है। इसके अलावा इसमें जीवन चक्र की निरंतरता में महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। उसमें साफ तौर पर कहा गया था यह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना नहीं है। इसमें किसी भी प्रकार का कोई फण्ड ट्रांसफर नही किया जाता है।

 

गौरतलब है कि इस योजना को प्रदेश सरकार द्वारा जिलो में जिलाधीश/ जिला मजिस्ट्रेट /जिला आयुक्त कार्यालय द्वारा लागू किया जाता है । इसमें केंद्र सरकार की ओर से डायरेक्ट किसी भी प्रकार कोई गतिविधि नहीं चलाई जाती है।

मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के नाम इन फर्जी आवेदनो को भरवाने का धंधा शरारती तत्वों द्वारा सबसे पहले उत्तरप्रदेश में शुरू किया गया और उसे मंत्रालय को डाक से भेजा जाने लगा। इसके बाद फर्जी आवेदन पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उतराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली से भी प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और केरल से फर्जी फॉर्म भेजे गए। इसके आधार पर इन राज्यों में तब कुछ मामले भी दर्ज कराए गए थे ।

सूचना है कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को पंजीकृत डाक द्वारा इस फर्जी योजना से जुडे लाखो आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में प्रभावित राज्यों के अधिकारियों से इसकी जांच करने के लिए कहा गया था। मंत्रालय ने इस असामाजिक गतिविधि के खिलाफ सार्वजनिक चेतावनी जारी कर आगाह किया था। इसके साथ ही लोगो को प्रिंट मीडिया,टेलीविजन,रेडियो, सोशल मीडिया, मंत्रालय की वेबसाइट और डाकघरों के जरिए ऐसी भ्रामक और झूठी सूचना के झांसे में न आने की सलाह दी थी। केंद्र सरकार के निर्देश पर हरियाणा सहित सभी राज्य सरकारों ने अपने विभागो और स्थानीय मीडिया द्वारा इस संबंध में कार्यवाही की है और कई बार चेतावनी जारी की गई है। इसके बाद भी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर फर्जी आवेदन मिलने का सिलसिला जारी रहा।

 

इस सन्दर्भ में महिला विकास एवं बाल विकास मंत्रालय ने अब ऐसे किसी भी झूठे और अवैध आवेदन को बिना किसी पूर्व सूचना के नष्ट करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है और इसे मंत्रालय की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आम जनता को आगाह किया है कि वो किसी ऐसी भ्रामक आवेदन के झांसे में न आए और अपने समय और संसाधनो को नष्ट न करें
अब गुरुग्राम के शिवाजी पुलिस स्टेशन में मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी के आदेश पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर इस फर्जीबाड़े की जांच शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा इस मामले में बेहद संवेदनशील राज्य है क्योंकि यहां पुरुष एवं महिला के अनुपात में बड़ा अंतर रहा है और इसको लेकर यहां की सरकार ने विशेष अभियान चलाया है। समझ जाता है कि इसी का नाजायज फायदा उठाने की कोशिश किसी गिरोह द्वारा की गई है।

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