स्वच्छ भारत के नाम पर कोई साधन नहीं
धर्मेन्द्र यादव
फरीदाबाद : फरीदाबाद में आज नगर निगम के कर्मचारियों ने हांथो में काले बिल्ले लगा कर नगर निगम और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया उनका आरोप है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आज से दो साल पहले फरीदाबाद की कृष्ण कलोनी से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी लेकिन आज तक सरकार ने पालिका परिषद् निगमो या गाँव को एक भी पैसा स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर नहीं दिया है ।
फरीदाबाद के नगर निगम कार्यालय के सामने धरने पर बैठे सफाई कर्मचारियों का आरोप है की दो साल पहले स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत हुई थी और हरियाणा में इसकी शुरुआत हरियाणा के मुख्य मंत्री ने फरीदाबाद की कृष्ण कलोनी से की थी लेकिन इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने पालिका परिषद् निगमो या गाँव को एक भी पैसा स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर नहीं दिया है । इसकी वजह से आज सफाई कर्मचारी के पास में स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए न तो कस्सी है न झाड़ू है न रिक्से न कूड़ा उठाने वाले वाहन है. इसकी वजह से सफाई कर्मचारी चाह कर भी सही से सफाई नहीं कर सकता . शहर में कूड़े के ढेर लगे हुए है और जनता भी सफाई अभियान में सहियोग नहीं करती है । इसके लिए सफाई कर्मचारियों को दोषी ठहराया जा रहा है लेकिन यदि इसके लिए कोई दोषी है तो वह सरकार है ।
कर्मचारी नेता नरेश शास्त्री ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगते हुए बताया कि हरियाणा की बात करे तो ढाई करोड़ की आबादी वाले हरियाणा में सफाई कर्मचारियों के नाम पर 25000 सफाई कर्मचारी है जिनमे से 21000 हजार कर्मचारी कच्चे है जीका वेतन मात्र 8 हजार सो रूपये है । सरकार ने सत्ता में आने से पहले सभी कच्चे को पक्का करने का वादा किया था लेकिन आज सरकार ने वादा खिलाफ तो की है साथ ही इसके वह सभी कर्मचारियों को ठेके पर देने का फैसला कर दिया है जिससे कर्मचारी का मानसिक और शारीरिक शोषण हो रहा है ।
इसके साथ -साथ जनता और सरकार सफाई कर्मचारियों को नकारा बताने पर तुली हुई है । लेकिन सरकार और जनता को बताना चाहता हूँ की सफाई कर्मचारी नकारा नहीं है उसके पास सफाई के साधन नहीं है । इसी बात को लेकर उन्होंने यह आंदोलन किया है अब वह 14 अक्टूबर से लेकर 20 अक्टूबर तक प्रत्येक जिले में उपायुक्तों के माध्यम से मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे और फिर भी उनकी मांगी नहीं मानी गई तो वह आने वाली 26 और 27 अक्टूबर को पूरे हरियाणा में दिवाली के अवसर पर 48 घंटे की हड़ताल करेंगे और फिर भी सरकार नहीं जाएगी तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे ।