संस्कृत विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर शास्त्रार्थ संचालन के लिए दस संयोजक नामित

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— अब 27 तक चलेगा कार्यक्रम
—आयोजन समिति का भी आकार बढ़ा

दरभंगा। संस्कृत विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर 22 जनवरी से शुरू होने वाला शास्त्रार्थ कार्यक्रम अब 27 जनवरी तक चलेगा। पहले 26 को ही इसे समाप्त हो जाना था लेकिन राष्ट्रीय पर्व होने के कारण इस दिन विराम दिया गया है। यानी पांच दिनों तक विद्वतजन मुख्यालय के बहुउद्देशीय भवन में प्रतिदिन दो सत्रों में शास्त्रार्थ करेंगे व विशिष्ट व्याख्यान भी देंगे। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी सत्रों वास्ते अलग-अलग कुल दस संयोजक नामित किये गए हैं जिनमें डॉ शशिनाथ झा, डॉ बौआनंद झा, डॉ श्रीपति त्रिपाठी, डॉ सुरेश्वर झा,डॉ दिलीप कुमार झा, डॉ विश्राम तिवारी, डॉ दयानाथ झा, डॉ विनय कुमार मिश्र,डॉ मीना कुमारी एवम डॉ पुरेंद्र वारिक शामिल हैं।
वहीं आयोजन समिति में भी दो सदस्यों वित्तीय परामर्शी एम0 आर0 मालाकार व कुलसचिव डॉ शिवलोचन झा को नामित किया गया है। इस तरह यह समिति अब नौ सदस्यों के साथ काम करेगी।

—-कार्यक्रम की रूप रेखा पर एक नजर

22 जनवरी को उद्घाटन के दिन पहले सत्र में डॉ मीणा कुमारी व डॉ विश्राम तिवारी के साथ साथ डॉ विद्येश्वर झा व डॉ विनय कुमार मिश्र के बीच यज्ञ पर शास्त्रार्थ होगा।पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ उपेंद्र झा वैदिक करेंगे। वहीं दूसरे सत्र में डॉ वाचस्पति शर्मा त्रिपाठी का विशिष्ट व्याख्यान होगा।

23 जनवरी को पहले सत्र में भोपाल के डॉ हंसधर झा व लखनऊ के डॉ मदनमोहन पाठक के बीच चन्द्रग्रहण पर शास्त्रार्थ चलेगा जबकि दूसरे सत्र में ज्योतिष पर दिल्ली के डॉ देवी प्रसाद त्रिपाठी विशिष्ट व्याख्यान देंगे। इस दिन अध्यक्षता पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ रामचन्द्र झा की होगी।
24 को दोनों सत्रों में साहित्य से जुड़े मामलों पर हरिद्वार के डॉ विजयपाल शास्त्री व लखनऊ के डॉ रामलखन पांडे के बीच शास्त्रार्थ किया जाएगा। वहीं अध्यक्षता करेंगे दिल्ली विद्यापीठ के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडे तथा पर्यवेक्षक की भूमिका में रहेंगे पूर्व कुलपति डॉ देव नारायण झा।

25 जनवरी को दर्शनशास्त्र से जुड़े मुद्दे पर मंथन होगा। पहले सत्र में बनारस के डॉ रामपूजन पांडे व वहीं के डॉ कमलेश झा शास्त्रार्थ करेंगे। वहीं दूसरे सत्र में वनारस के ही डॉ कमलेश झा एवम डॉ बौआनंद झा के बीच शास्त्रार्थ होगा।

अध्यक्षता एलएनएमयू के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ कालिका दत्त झा की होगी। इसी दिन शाम चार बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत दहेज उन्मूलन तथा उन्नत विचार पर संस्कृत में नाटक का मंचन होगा ।इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ शशिनाथ झा बनाये गए हैं।
26 जनवरी को विश्वविद्यालय मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद कार्यक्रम को एक दिन के लिए विराम दिया गया है। फिर 27 जनवरी को पहले सत्र में व्याकरण पर जयपुर के डॉ श्रीधर मिश्र व मुम्बई के बोध कुमार झा के बीच तथा द्वितीय सत्र में डॉ सुरेश्वर झा व डॉ शशिनाथ झा में शास्त्रार्थ चलेगा। इस दिन अध्यक्षता करेंगे डॉ श्यामनन्द झा।
वहीं आयोजन समिति के संयोजक डॉ दिलीप झा के अनुसार कार्यक्रम की तैयारी जोरों से चल रही है।

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