प्रदेश की ग्रामीण महिलाएं भी बनाएंगी सेनेटरी पैड

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हरियाणा में गुडग़ांव के दौला गांव में लगी पहली मशीन

निस्वार्थ कदम संस्था का महिला स्वरोजगार व स्वच्छता के लिए प्रयास 

 गुरुग्राम : ग्रामीण अंचल की महिलाओं को स्वरोजगार और स्वच्छता के खातिर निस्वार्थ कदम संस्था द्वारा एक और बड़ा कदम बढ़ाया गया है। जरूरतमंद    25 ग्रामीण महिलाओं से कपड़ेके थैले सिलाने के अलावा अब गांव की अन्य 25 महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन पैड बनाने का काम दिया गया है। राष्ट्रपति के गोद लिए गांव दौला के मंदिर के पास स्थितधर्मशाला में सेनेटरी पैड की पहली मशीन लगा दी गई है। निस्वार्थ कदम संस्था द्वारा चैन्नई से मंगाई गई इस मशीन पर फिलहाल गांव की महिलाओं को पैड बनाने की ट्रेनिंग शुरूकर दी गई है। यहां काम करने वाली महिलाओं को प्रति माह लगभग चार हजार रुपए की आमदनी हो सकेगी। यहां निर्मित सेनेटरी पैड को गुडग़ांव, मेवात और आसपास जिलों केसभी गांवों की महिलाओं को सस्ते में मुहैया कराया जाएगा।

निस्वार्थ कदम संस्था के अध्यक्ष एनआरआई प्रमोद राघव के मुताबिक पर्यावरण सरंक्षण के कार्यों के साथ-साथ महिलाओं को बेरोजगारी और गंदगी से मुक्ति दिलाने की योजनापर काम किया जा रहा है। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों की टीम के साथ एक बैठक के बाद सबसे पहले दौला गांव में ही सेनेटरी मशीन लगाने का निर्णय लिया गया। उनकेमुताबिक लगभग साढ़े तीन लाख रुपए कीमत की इस मशीन को चैन्नई से मंगवाया गया है। १६०० के करीब सेनेटरी नेपकिंस एक दिन में बनाई जाएगी। जिन्हें बाद में ग्रामीणमहिलाओं द्वारा ही लागत कीमत पर ग्रामीण अंचल में बेचा जाएगा। प्रमोद के मुताबिक मशीन के लगने के बाद ग्रामीण महिलाओं को रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही अब वेअसवाधानी और सुविधा की कमी के चलते होने वाले रोगों से भी बच सकेंगी।

सेनेटरी मशीन लगाने वाला प्रदेश का पहला गांव बना दौला

गुडग़ांव जिले का दौला गांव सेनेटरी नेपकिन पैड बनाने वाला प्रदेश का पहला गांव बन गया है। इससे पहले यह मशीन दिल्ली, चैन्नई, आंध्रप्रदेश, पंजाब आदि राज्यों के कुछ गांवोंमें लग चुकी है। दौला के बाद इस मशीन को अन्य गांवों में भी लगवाने की योजना है।

संस्था के साथ मिलकर इस संबंध में जागरूकता फैला रही है महिलाएं

सेनेटरी नैपकिन जैसी जरूरी वस्तुओं को खरीदने या अपने मुहं से नाम लेने में भी ग्रामीण महिलाएं हिचकिचाती है। माना जाता है कि इसी कारण से कभी ग्रामीण इलाकों में इसतरह की पहल नहीं हुई, लेकिन अब गांवों में इसको लेकर जागरूकता बढ़ी है। यही कारण है कि दौला गांव की महिलाएं निस्वार्थ कदम संस्था के इस कदम से रोजगार पाने मेंकामयाब हुई है बल्कि अब संस्था के साथ मिलकर इस संबंध में जागरूकता फैला रही है।

स्कूली छात्राओं को मुफ्त बांटी जाएगी

निस्वार्थ कदम संस्था की तरफ से जागरूता फैलाने के लिए इन सेनेटरी पैड को ग्रामीण स्कूलों में बांटा जाएंगा । संस्था के पदाधिकारी अरविंद के मुताबिक शुरूआत में छात्राओं कोनिशुल्क मुहैया कराए जाने की योजना है ताकि वे मुश्किल दिनों में स्वच्छता का ध्यान रख सकें और गंदगी के कारण होने वाले रोगों से बच सके।

अनेक गांव मशीन लगाने के लिए उत्साहित

दौला गांव में मशीन लगते ही अनेक गांव पंचायतों की तरफ से संस्था के पास मशीन लगवाने के आवेदन पहुंच रहे हैं। इस संबंध में संस्था के पदाधिकारी अरविंद ने बताया किउनके पास इस संबंध में दमदमा, अलीपुर आदि गांवों के सरपंचों के भी फोन आ चुके हैं। यह अच्छी बात है कि इन गांव के सरपंच महिलाओं के रोजगार व स्वच्छता के लिए चिंतितहै और निस्वार्थ कदम से मिलकर इस संबंध में कुछ करना चाहते हैं। अरविंद ने बताया कि दौला गांव में लगी मशीन की सफलता को देखकर ही यह निर्णय लिए जाएंगा कि येमशीन किस-किस गांव में लगाई जाए।

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