नूंह मिनी सचिवलय में जैसे ही सायरन बजा, अधिकारियों व कर्मचारियों में भगदड़ मच गयी

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खास खबर : 

: कई लोग घायल हो गए जिनको स्थनीय अस्पातल में दाखिल कराया

: पुलिस-प्रशासन ने एकजुट होकर अनेक लोगों की जान बचाई

: पहली नजर में लोग समझ नहीं पाऐ की आखिर ये क्या माजरा है

: जिला में पहली बार हुई मॉक ड्रील

: भूकंप व प्राकृतिक आपदा से निपटने में मॉक ड्रिल के जरिये लोगों को दी जानकारी

यूनुस अलवी

 
नूंह मिनी सचिवलय में जैसे ही सायरन बजा, अधिकारियों व कर्मचारियों में भगदड़ मच गयी 2नूंह :   जिला नूंह में सुबह 10 बजते ही सायरन बजा और देखते ही देखते सभी अधिकारी, कर्मचारी व आमजन बहार खुले में दौड़ते हुए नजर आए, गौरतलब है कि आज मॉक ड्रील का आयोजन जिला स्तर पर किया गया। जिसमें नूंह जिले के लघु सचिवालय, कोर्ट परिसर, मेवात मॉडल स्कूल, मेडिकल कॉलेज नल्हड़, समान्य अस्पताल नूंह में सफलतापूवर्क मॉक ड्रील का आयोजन हुआ। यहां लोगो में मॉक ड्रील को लेकर काफी उत्सुक्ता देखी गई।
    किसी भी प्रकार आपदा की स्थिति भूकंप इत्यादि के समय पुलिस-प्रशासन की तैयारियों को जांचने के लिए गुरुवार को शहर में मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल में पुलिस-प्रशासन व अन्य टीमों ने मिलकर विभिन्न बिल्डिंगों में फंसे लोगों की जान बचाई। 
    उपायुक्त अशोक शर्मा व पुलिस अधीक्षक नाजनीन भसीन ने माक ड्रील में पलपल की जानकारी तथा सभी सैक्सनों की जानकारी ईओसी सेंटर से ले रहे थे। उपायुक्त ने स्वयं पब्लिक सिस्टम से लोगो को सदेंश दिया कि सायरन बजते ही तुरंत बिल्डिंग से बाहर आए और बहार निकलने पर भी बिल्डिग़ से दूर खड़े हो। उन्होंने ऑप्रैशन सैक्शन लाजिस्टिक सेक्सन, फ्लानिंग सैक्शन तथा लघु सचिवालय भवन स्थित सभी उपकरणों का बारिकी से जायजा लिया और सभी सहायक टीमों का पुलिस, आर्मी, डाक्टर, होमगार्ड आदि सभी टीमा का कार्य भी देखा। 
    लघु सचिवालय की स्थिति को देखते हुए एसडीएम डा. मनोज कुमार ने सभी टीमों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए तथा स्थिति को भांपते हुए उन्होंने फौरन एंबुलेंस मंगवाई तथा मौके पर ही स्वास्थ्य विभाग की सहायता से कैम्प लगाकर घायलों को उपचार की सुविधा प्रदान की। नूंह मिनी सचिवलय में जैसे ही सायरन बजा, अधिकारियों व कर्मचारियों में भगदड़ मच गयी 3
     उन्होंने मौके पर पहुंचते ही बचाव कार्यों की शुरुआत कर दी। पुलिस के जवानों की सहायता से उन्होंने ऊंची बिल्डिंग में सफलतापूर्वक बचाव कार्य करवाया। इस दौरान उन्होंने बिल्डिंग के द्वितीय तल तथा तृतीय तल पर फंसे घायलों को नीचे उतरवाया। जबकि उन्होंने काफी व्यक्तियों को सकुशल बाहर निकाला, जिनमें कई घायलों को गहरी चोट आई थी। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार देकर सिविल अस्पताल रैफर किया गया। इसके अलावा मेवात मॉडल स्कूल नूंह तथा सिविल अस्पताल में भी आपदा की स्थिति से जूझते हुए पुलिस-प्रशासन की टीमों ने बुलंद हौंसले का परिचय दिया। उन्होंने लघु सचिवालय व अन्य स्थानों में बनाये गये हैल्थ कैम्प एवं अस्पताल का गंभीरता से निरीक्षण करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि आपदा कभी बताकर नहीं आती। इसलिए 24 घंटे हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस प्रकार की तैयारियों को जांचने के लिए ही मेगा मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। सभी ने अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर्मठता व ईमानदारीपूर्वक किया है। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल ने साबित कर दिया है कि नूंह पुलिस-प्रशासन हर प्रकार की स्थिति से निपटने में सक्षम है। 
मॉक ड्रिल के समापन अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त जयबीर आर्य, पुलिस अधिकारी अमित दहिया ने जरूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में भय के माहौल को नहीं पनपने देना चाहिए। सबको एकजुट होकर स्थिति का सामना करना चाहिए। अतिरिक्त उपायुक्त ने जानकारी दी कि मॉक ड्रिल में घायल व्यक्तियों की भूमिका का निर्वहन करने के लिए एनसीसी के विद्यार्थियों की सेवा ली गई थी। इनमें से विभिन्न स्थानों पर अनेक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुए, इस मौके पर एसडीएम,सीटीएम प्रदीप अहलावत आदि अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

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