मैन्युवल रूप से खरीदे हुए स्टाम्प से नहीं होगी रजिस्ट्री , ई स्टाम्प अनिवार्य : केसनी आनंद अरोड़ा

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राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव का गुरुग्राम व फरीदाबाद मंडल के अधिकारियों को निर्देश 

100 रु. से अधिक राशि के मैन्युवल स्टाम्प के लिए लेनी होगी अनुमति 

एनओसी के बगैर भी रजिस्ट्रियां नहीं होगी

डीड राईटिंग का कार्य ई-दिशा केंद्र में होगा 

तहसीलदारों पर अनाप-सनाप खर्च का बोझ नहीं डालने के उपायुक्तों को दिया निर्देश  

 
गुरुग्राम, 11 दिसंबर। राजस्व विभाग हरियाणा की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने आज  उपायुक्तों से कहा कि वे अपने-अपने जिला में ई-स्टाम्पिंग को अनिवार्य रूप से लागू करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में ई-स्टाम्पिंग अनिवार्य हो चुकी है और  उसके बाद 100 रूपए से  अधिक राशि के स्टाम्प पेपर बिना उनकी अनुमति के मैन्युवल रूप से नहीं खरीदे जा सकते। सौ रूपए से ज्यादा के स्टाम्प पेपर ई-ग्रास सिस्टम से ऑनलाईन ही खरीदे जा सकते हैं। 
 
श्रीमति अरोड़ा आज गुरुग्राम के लघु सचिवालय के दूसरी मंजिल पर स्थित एनआईसी कार्यालय से गुरुग्राम तथा फरीदाबाद मण्डलों में पडऩे वाले 6 जिलों के उपायुक्तों तथा राजस्व अधिकारियों के साथ वीडियों कांफें्रसिंग के माध्यम से राजस्व संबंधी  विषयों पर चर्चा कर रही थी। इस बैठक में गुरुग्राम व फरीदाबाद मण्डलों के आयुक्त डा. डी सुरेश, नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त वी उमा शंकर भी थे। 
बैठक में श्रीमति अरोड़ा ने सभी उपायुक्तों से कहा कि वे अपने-अपने जिला में यह सुनिश्चित करें कि जमीन अथवा प्लाट की रजिस्ट्री ई-स्टाम्पिंग प्रणाली से खरीदे गए स्टाम्प पेपरों से ही हो।
 
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों यह देखने में आया है कि रजिस्ट्रियां तो हो रही हैं परंतु ई-स्टाम्पिंग प्रणाली का प्रयोग कम हुआ है। इस पर बैठक में उपस्थित जिला राजस्व अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि कुछ लोगों ने पुराने स्टाम्प पेपर खरीदे हुए थे जिनका प्रयोग रजिस्ट्री के लिए किया गया है। साथ ही बताया गया कि मैन्युवल रूप से स्टाम्प पेपर विके्रता से खरीदे हुए स्टाम्प यदि प्रयोग में लाए जाते हैं तो ई-ग्रास सिस्टम ही नहीं चलेगा और उसकी रजिस्ट्री नहीं होगी। श्रीमति अरोड़ा को यह भी बताया गया कि कुछ लोग डीड राईटर के माध्यम से ई-स्टाम्प खरीदकर रजिस्ट्री करवाते हैं, जिस पर उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में डीड राईटर को आयकर विभाग से परेशानी हो सकती है। साथ ही श्रीमति अरोड़ा ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे ई-स्टाम्पिंग प्रणाली को लोगों में लोकप्रिय बनाने के लिए खजाना कार्यालय के साथ मिलकर तहसीलदारों तथा अन्य लोगों के लिए ट्रेनिंग सत्र आयोजित करवाएं। उन्होंने यह भी कहा कि डीड राईटिंग का कार्य ई-दिशा केंद्र में करवाएं। 
 
बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व विभाग के पास उपलब्ध भूमि के रिकार्ड के डाटा को अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम तथा 10 नगर निगमों के साथ लिंक कर दिया गया है। श्रीमति अरोड़ा ने बताया कि रजिस्ट्री के लिए ई -केवाईसी के तहत आधार को अनिवार्य किया गया है। इस बारे में अधिसूचना भी जारी हो चुकी है।
 
उन्होंने कहा कि एनओसी के बगैर भी रजिस्ट्रियां नहीं होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री के लिए ई-केवाईसी के अंतर्गत आईरिस भी साथ लगवाएं क्योंकि कुछ बुजुर्गो तथा किसानों के उंगलियों के बायोमिट्रिक निशान नही आ पाते। उन्होंने कहा कि तहसीलों में इन उपायों से काफी हद तक पारदर्शिता आई है।श्रीमति अरोड़ा ने कहा कि तहसील के कार्य में पारदर्शिता लाना हमारा कर्तव्य है और इसमें यदि कोई व्यक्ति अड़चन डालता है तो उसे पकड़वाना भी हमारा काम है। उन्होंने उपायुक्तों से कहा कि वे अपने कार्यालय की कन्टीनजैंसी बढ़वा लें और तहसीलदारों पर अनाप-सनाप खर्च का बोझ ना डाले। अनाप-सनाप खर्च का भार डालने से ही उन्हें भ्रष्टाचार करने का बहाना मिल जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि जब भी वे जिलों में आएं तो उन पर ज्यादा खर्च ना किया जाए।
 
श्रीमति अरोड़ा ने कहा कि तहसीलों में रजिस्ट्री के कार्यों में पहले अप्यांटमेंट लेने तथा पारदर्शिता से कार्य प्रणाली में काफी सुधार आया है और उनके पास जल्दी काम करवाने के बारे में अब सिफारिशें भी नहीं आ रही हैं, जोकि अच्छी बात है। इसका मतलब है कि तहसीलों में काम सुचारू रूप से हो रहा है। 
 
बैठक में श्रीमति अरोड़ा ने बताया कि राजस्व विभाग में जल्द ही 1 एसेट सैल बनाया जाएगा जो सरकारी संपत्ति का लेखा-जोखा रखेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार की संपत्ति तो बहुत है परंतु उसका लेखा-जोखा रखने वाला कोई नही है, जिसकी वजह से सरकारी संपत्ति पर नाजायज कब्जे भी हो जाते हैं। फरीदाबाद के जिला राजस्व अधिकारी पी डी शर्मा को इस सैल का उप सचिव लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिलों में स्थित सरकारी संपत्तियों का एक लिंक उपायुक्तों को भी भेजा गया है,जिसे देखकर वे उसकी पुष्टि कर दें। श्रीमति अरोड़ा ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सजरा का ततिमा साथ-साथ अपडेट करते रहें। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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