केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान का शिमोगा में सुपारी किसानों से संवाद : सुपारी उत्पादन में भारत की 63% भागीदारी

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शिमोगा :   केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कर्नाटक के शिमोगा में अन्वेषणा मलनाड स्टार्टअप समिट-2025 में सहभागिता की और समिट को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे युवा ऊर्जा से भरे हैं, उनके पास विजन और अपार क्षमता है। अत्यंत प्रसन्नता है कि हमारे युवा स्टार्टअप के क्षेत्र में देश-विदेश में खूब नाम कमा रहे हैं। आज गांव-गांव में स्टार्टअप क्रांति हो रही है। एग्रीटेक स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या यह बताती है कि हमारे किसान नई तकनीक, नवाचार और उद्यमिता से जुड़ रहे हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने शिमोगा में सुपारी किसानों से संवाद किया। इस दौरान शिवराज सिंह ने कहा कि मैं बचपन से सुपारी देख रहा हूँ, हमारे यहाँ सुपारी खाई जाती है। मध्यप्रदेश में हर घर में सुपारी होती है। गाँव में मेहमानों को सबसे पहले सुपारी दी जाती है। पूजा में बैठते हैं तो सुपारी को ही गणेशजी बनाया जाता है। हर धार्मिक काम में सुपारी का प्रयोग होता है। ये अद्भुत जिला है, जहां सुपारी का भरपूर उत्पादन होता है।

 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि भारत, दुनिया का सबसे बड़ा सुपारी उत्पादक देश है, कुल सुपारी उत्पादन में 63% भागीदारी हमारी है। लगभग 58 हजार 664 करोड़ रूपए की सुपारी का पिछले साल उत्पादन हुआ था और लगभग 60 लाख किसान, सुपारी उत्पादन के काम में लगे हुए हैं। किसानों को ठीक दाम मिल पाए, हम इसके लिए कटिबद्ध है। हमने ये तय किया है कि देश में अगर कोई सुपारी इम्पोर्ट करेगा तो 100% इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई जाएगी, ताकि बाहर से आने वाली सुपारी महंगी आए। अवैध सुपारी भी यहां बड़ी चुनौती है, जिसकी क्वालिटी भी ठीक नहीं होती है। श्री चौहान ने कहा कि मैं आश्वस्त करता हूं कि हम सीमा शुल्क बोर्ड के साथ मिलकर कोशिश करेंगे कि अवैध सुपारी लाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। पिछले दिनों भारी वर्षा के कारण सुपारी को बहुत नुकसान हुआ है, कई तरह की नई बीमारियां आ गई है। वैसे, आईसीएआर फसलों में बीमारियों को दूर करने के लिए लगातार शोध कर रहा है, आगे जितनी भी रिसर्च की जरूरत होगी, वो की जाएगी, उसके लिए हम पर्याप्त संसाधन की व्यवस्था करेंगे। वहीं केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति ने एलएसडी और व्हायएलडी जैसी बीमारियों को रोकने के लिए उपाय सुझाए है, जो सिफारिशें की है, इस पर जो योजना बनी है उसमें केन्द्र का हिस्सा 67 करोड़ रूपए हम इसी बजट में प्रावधान करके लागू करेंगे।

 

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए हमारी छह सूत्रीय रणनीति है। पहला- उत्पादन बढ़ाना, दूसरा- उत्पादन की लागत घटाना, तीसरा- फसल के ठीक दाम देना, चौथा- नुकसान हो जाए तो भरपाई करना, पांचवां- खेती का विविधीकरण और छँटवा- धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती की ओर बढ़ना। एक तरफ हम देखते हैं कि किसान जहां फसल पैदा करता है, वहाँ उसके दाम कम मिलते हैं, लेकिन किसान की पैदा की हुई फल, सब्जी और दूसरे उत्पाद जब बड़े शहरों में जाते है तो महंगे बिकते है। मेरे मन में ये वेदना है कि इससे उपभोक्ता को महंगा मिलता है, किसान का सस्ता बिकता है। उस बीच के अंतर को कैसे कम करके किसान को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, इसके लिए अनेकों उपाय पर हम काम कर रहे हैं। शिवराज सिंह ने कहा कि ऐसी योजना भी हमारे दिमाग में है कि अगर शिमोगा में कोई चीज पैदा हुई है और उसे दिल्ली में अच्छी कीमत मिलती है तो उसे फार्मर, FPO’s या किसी राज्य की संस्था के माध्यम से वहाँ ले जाएं और ट्रांसपोर्ट का खर्च आधा केन्द्र सरकार और आधा राज्य सरकार उठाए ताकि किसानों को ठीक दाम मिल सके।

 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को ठीक दाम देने के लिए वैल्यू एडिशन जरूरी है, कुछ एफपीओ बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, एक एफपीओ का टर्नओवर तो 60 करोड़ रूपए से ज्यादा है, ये एफपीओ नई कृषि क्रांति कर सकते हैं। अकेला किसान नहीं, एफपीओ ब्रांडिंग, मार्केटिंग वैल्यू एडिशन करें, और इसे करने के लिए हमारे स्टार्टअप्स तैयार खड़े हैं। एफपीओ और स्टार्टअप्स मिल जाएं। हमारे छात्रों के पास नए-नए आईडियाज़ हैं, आईडियाज़ को जमीन पर उतारकर कृषि क्षेत्र में बेहतर काम किया जा सकता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कृषि के विकास और किसानों के कल्याण के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। कृषि के आधुनिकीकरण के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें आवश्यक सहयोग और संसाधन भी उपलब्ध करा रहा है।

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