गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज

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डेंगू से हुई एक बच्ची की मृत्यु का मामला 

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निर्देश पर शुरू हुई कार्रवाई 

जांच समिति ने अस्पताल को दोषी माना

एपिडेमिक एक्ट के तहत भी होगी कार्रवाई : उपयुक्त 

गुरुग्राम , 10 दिसंबर :  हरियाणा के गुरुग्राम में पिछले दिनों डेंगू से हुई एक बच्चे की मृत्यु के मामले में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निर्देश अनुसार गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ करवाई आरंभ कर दी गई है, इसमें अस्पताल के खिलाफ क्रिमिनल और सिविल दोनों प्रकार की कार्रवाई की जा रही है।

गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में पिछले दिनों डेंगू से हुई एक बच्चे की मृत्यु के मामले में जांच के लिए समिति गठित की गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी है। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने गुरुग्राम के सिविल सर्जन को आदेश दिए हैं कि रिपोर्ट की एक-एक कॉपी फोर्टिस अस्पताल तथा बच्चे के अभिभावकों को देने के साथ-साथ एक कॉपी गुरुग्राम पुलिस को इस हिदायत के साथ दी जाए कि वह अस्पताल के खिलाफ क्रिमिनल कार्यवाही शुरू करें। रिपोर्ट के आधार पर ही अस्पताल के खिलाफ सुशांत लोक थाने में आईपीसी की धारा 304 भाग-2 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें पुलिस द्वारा जांच भी शुरू की जा चुकी है। जांच के दौरान पुलिस द्वारा धाराएं बढ़ाई भी जा सकती हैं तथा आवश्यकता हुई तो और लोगों को भी शामिल किया जा सकता है।

फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ दूसरा क्रिमिनल एक्शन एपिडेमिक एक्ट के तहत लिया जा रहा है। गुरुग्राम के उपायुक्त  विनय प्रताप सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी अस्पतालों को यह हिदायत दे रखी है कि उनके यहां कोई भी डेंगू या स्वाइन फ्लू आदि का मामला आता है तो वह अस्पताल इसकी सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को देगा, जो फोर्टिस अस्पताल ने इस मामले में नहीं दी। इस कोताही के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आईपीसी की धारा 188 के तहत पुलिस में केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

इन दो क्रिमिनल कार्यवाही के अलावा फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ तीन प्रकार के सिविल एक्शन भी लिए जा रहे हैं। फोर्टिस अस्पताल में संचालित की जा रही फार्मेसी में पाई गई कमियों तथा अन्य खामियों को दूर करने के लिए ड्रग कंट्रोलर विभाग ने नोटिस दे रखा है जिसका जवाब अस्पताल द्वारा दिया जाना है, इस जवाब पर स्टेट ड्रग कंट्रोलर विभाग द्वारा निर्णय लिया जाएगा और इस मामले में ड्रग एंड कॉस्मेटिक कॉस्मेटिक एक्ट 1945 के तहत फार्मेसी का लाइसेंस सस्पेंड हो सकता है या लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है। इसी प्रकार, जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर फोर्टिस अस्पताल के ब्लड बैंक को भी नोटिस दिया गया है, जिसका जवाब देने के लिए उसे 15 दिन का समय दिया गया है, जवाब के आधार पर ब्लड बैंक के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें उसका लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता है।

यही नहीं, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने हुडा विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के इलाज से संबंधित शर्तों और एग्रीमेंट की जाँच करके, यदि कोई अवहेलना है तो फोर्टिस अस्पताल पर उसके अनुरुप भी कार्रवाई अमल में लाये।

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