भोपाल। देश के चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने स्पष्ट कर दिया है कि लोक सभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए निर्वाचन आयोग अगले वर्ष सितम्बर तक अपनी तैयारी पूरी कर लेगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दोनों प्रकार के चुनाव एक साथ कराने पर फैसला केंद्र सरकार के अधिकार में हैं.
मध्य प्रदेश पहुंचे रावत ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में बुधवार को ईआरओ-नेट का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने खुलासा किया कि केंद्र सरकार की ओर से आयोग को एक साथ चुनाव कराने के लिए संसाधनों के बारे में पूछा गया था. इन्हीं दृष्टिकोण से आयोग की मांग पर सरकार ने 15,400 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए 40 लाख ईवीएम और वीवीपैट की आवश्यकता होग. इसका ठेका निर्वाचन आयोग की ओर से दो कंपनियों को दिया जा चुका है जिसकी आपूर्ति शुरू चुकी है.
उनके इस बयान से यह साफ़ हो गया है कि केंद्र सरकार देश में लोक सभा व विधान सभा का चुनाव एक साथ कराने की तैयारी में है और आयोग भी इस दृष्टि से तैयार हो रहा है.
ईआरओ-नेट का शुभारम्भ करते हुए रावत ने बताया कि आयोग मतदाता सूची एवं निर्वाचन संचालन में आधुनिक तकनीक के उपयोग को लेकर प्रयासरत है. इसमें ईआरओ-नेट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. उनके अनुसार मध्य प्रदेश ईआरओ-नेट शुरू करने वाला देश में 26वां राज्य बन गया है. इससे पूरे देश के ईआरओ एक साथ जुड़ जाएंगे . इससे वोटर सम्बन्धी सूचनाये एक दुसरे राज्य आदान प्रदान कर सकेंगे.