चण्डीगढ़, 31 अगस्त – हरियाणा सरकार ने यमुनानगर जिले में खिलांवाला खोल पर 29.10 करोड़ रुपये की लागत से खिलांवाला बांध का निर्माण करने का निर्णय लिया है। इस बांध में एकत्रित होने वाले पानी का उपयोग यमुनानगर जिले के छछरौली तहसील के नौ गांवों की 3200 एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए किया जाएगा।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते बताते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। डब्ल्यूएपीसीओएस द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के मुताबिक परियोजना को व्यावहारिक पाया गया है।
उन्होंने बताया कि चूंकि खिलांवाला खोल और पथराला नदी, यमुना नदी की सहायक नदियां हैं, इसलिए खिलांवाला बांध के निर्माण के लिए वन और पर्यावरण विभाग के अलावा अपर यमुना नदी बोर्ड (यूवाईआरबी) से भी आवश्यक स्वीकृतियां ली गई हैं।
उन्होंने बताया कि खिलांवाला बांध को पथराला नदी की एक सहायक नदी खिलांवाला खोल पर बनाने का प्रस्ताव है, जो दादुपुर के पास यमुना नदी में मिलती है। मानसून के दौरान, खिलांवाला खोल मिट्टी के कटाव के रूप में भूमि को बहुत नुकसान पहुंचाता है। इस बांध का निर्माण न केवल बाढ़ के नियंत्रण में बल्कि सिंचाई, भूजल रिचार्जिंग और पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। इसके अलावा, बांध के जलाशय में मत्स्य पालन से काफी लाभ होने की उम्मीद है क्योंकि यह यमुना नगर के निकट है। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा जलाशय में मत्स्य पालन किया जाएगा और इसके परिणामस्वरूप राजस्व प्राप्त होगा। इसके अलावा, बांध का निर्माण विभिन्न प्रकार के पक्षियों, विशेष रूप से सारसों को आकर्षित करेगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किया जा सकता है, जिससे अधिक से अधिक पर्यटक आकर्षित होंगे।
उन्होंने बताया कि निर्माण के उपरांत यह बांध 25 वर्षों तक हर वर्ष 7.68 क्यूसिक पानी की आपूर्ति कर सकेगा जिससे 3200 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई होने के साथ-साथ स्थानीय भूजल स्तर में सुधार होगा। खिलांवाला बांध की प्रस्तावित ऊँचाई 20.50 मीटर है, जिसके ऊपरी भाग की चौड़ाई 6.0 मीटर और लम्बाई 280 मीटर होगी। प्रस्तावित बांध का कैचमेंट एरिया 7.17 वर्ग किलोमीटर है जो पूरी तरह से हरियाणा में आता है। उन्होंने कहा कि कैचमेंट एरिया से अपवाह (रनऑफ) 50 प्रतिशत निर्भरता पर 403.03 हेक्टेयर मीटर और 75 प्रतिशत निर्भरता पर 206.0 हेक्टेयर मीटर आंका गया है। उन्होंने कहा कि यह अपवाह पानी की कमी वाले 97 दिनों की अवधि के लिए 7.68 क्यूसिकपानी उपलब्ध करवाने के लिए पर्याप्त है।