खास खबर : मेवात में मलेरिया का प्रकोप, 1872 पहुंचा आंकडा

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: जिले में पुन्हाना और उजीना इलाका के गांव हैं प्रभावित

: तावडू और फिरोजपुर झिरका में नाम मात्र के मामले

: दूसरे जिलो से उधार लिए कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है

यूनुस अलवी

 मेवात:   मेवात में मलेरिया का प्रकोप धमने का नाम नहीं ले रहा है। मेवात जिला में बुधवार तक 1872 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। पिछले वर्ष की तुलना में अभी तक करीब 2200 मामले कम मिले हैं। जिसे प्रशासन अपनी कामयाबी मानकर चल रहा है। 
आप को बता दें कि गत वर्ष मेंवात जिला में स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के अनुसार करीब 6700 मलेरिया के पोजिटिव मामले सामने आऐ थे इसके अलावा कई हजार ऐसे भी मामले थे जिन्होने प्राईवेट अस्पतालों में जांच और इलाज कराई थी। गत वर्ष 30 अगस्त तक मेवात जिला की विभिन्न पीएचसी में 4012 मामले पाऐ गऐ थे जबकि इस साल अभी तक जिले में कुल 1872 मामले सामने आ चुके हैं।
   
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेवात जिला मलेरिया के मामले में मेवात इलाका प्रदेश में सबसे अतिसंवेदनशीन घोषित कर रखा है। मेवात जिला में कर्मचारियों की भारी कमी है, जिसकी वजह से एक-एक महिने के लिए रेवाडी, नारनौल, महेंद्रगढ, भिवानी आदि जिलों से कर्मचारियों को टेपूटेशन पर बुलाया जाता है। फिलहाल दूसरों जिलो में मेवात में 40 कर्मचारी काम कर रहे हैं। गत वर्ष पुन्हाना पीएचसी में 30 अगस्त तक 1921 मलेरिया के मामले सामने आऐ थे जबकि इसबार पुन्हाना में मात्र 485 ही मलेरिया के कैश निकले हैं। वहीं दूसरी तरफ गत वर्ष नंूह में 2044 मामले सामने आऐ थे जबकि इस बार ये आकंडा 1343 तक पहुंच गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुन्हाना की अपेक्ष नूंह इलाके में मलेरिया पर नकेल कसने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम साबित हुआ है।
 

तावडू और फिरोजपुर झिरका में मामले कम क्यों ? 

 
मेवात जिला में मलेरिया फैलने का सबसे बडा कारण गुडगांव कैनाल और उजीना ड्रेन है। इनके साथ-साथ लगने वाले करीब 40 गावों में ही मलेरिया का प्रकोप अधिक रहता है। इसलिए जिले में नूंह की उजीना पीएचसी और पुन्हाना सीएचसी में सबसे ज्यादा मलेरिया के मामले पाऐ जाते हैं। इस बार स्वाथ्य विभाग ने सबसे ज्यादा पुनहाना पर ध्यान दिया जिसकी वजह से समय रहते यहां मलेरिया पर कंट्रोल पा लिया गया लेकिन उजीना पीएचसी के गावों के साथ की गई लापरवाही की वजह से वहां पर अभी तक 1343 मामले सामने आ चुके हैं। अभी तो इनकी संख्या और बढने की पूरी संभावनाऐं हैं।
 

क्या कहते हैं जिला मलेरिया अधिकारी ? 

 
जिला मलेरिया अधिकारी अतुल चौधरी का कहना है कि गत वर्ष की अपेक्षा इसबार मलेरिया पर काफी कांट्रोल कर लिया गया है। जिन लोगों को गत वर्ष मलेरिया हुआ था उन लोगों को पहले ही 14-14 दिन की खुराक पिला दी गई थी जिसकी वजह से मलेरिया अधिक पनप नहीं सका है। उनका कहना है कि पिछले दो सालों में मलेरिया और अन्य बिमारियों से काफी मौते हुई थी लेकिन अभी तक पूरे मेवात जिला में एक भी मौत की सूचना नहीं हैं। तावडू और फिरोजपुर झिरका में नहरी इलाका ना होने  की वजह से वहां मलेरिया के मामले बहुत की कम आते हैं। उन्होने बताया कि मेवात में स्वास्थ्य कर्मचारी ना होने की वजह से दूसरे जिलों से डेपूटेशन पर कर्मचारी मंगवाकर काम चलाया जा रहा है।
 
गत वर्ष और इस वर्ष के 30 अगस्त तक आंकडे
 30 अगस्त 2016 तक                  30 अगस्त वर्ष 2017 तक
 सीएचसी    पीवी   पीएफ  कुल,       पीवी     पीफ    कुल
 नूंह          1817- 227- 2044,      1225-   118-  1343
पुन्हाना       1920 -1-    1921,       480-    5-      485
फिरोजपुर       46- 1-       47,         43-   1-        44
झिरका
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कुल          3783- 229-  4012,      1748,  124,     1872
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