गुजरात राज्यसभा चुनाव बेहद रोचक मोड़ पर : चुनाव आयोग ने कांग्रेस की मांग खारिज की

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मतगणना पर फैसला थोड़ी देर में आने के आसार 

कांग्रेस ने दो विधायकों के वोट रद्द करने की मांग की थी 

भाजपा के नेताओं ने भी चुनाव आयोग से मुलाकात की 

भाजपा के राजनीतिक घेरे में कांग्रेस नेता अहमद पटेल 

नई दिल्ली : गुजरात राज्यसभा चुनाव बेहद रोचक मोड़ पर खड़ा हो गया है. कांग्रेस औए भाजपा के बीच खिची राजनीतिक तलवारें अब एक दूसरे को नीचा दिखाने की लड़ाई में तब्दील हो गयी है. दोनों ने इसे मूंछ की लड़ाई बना दी है. कांग्रेस ने अपने दो विधायकों के वोट रद्द कराने की मांग की जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है जबकि भारतीय जनता पार्टी ने भी मंगलवार शाम को चुनाव आयोग से मुलाक़ात कर कांग्रेस की मांग का विरोध किया. खबर है कि भाजपा की तरफ से अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान चुनाव आयोग पहुंचे. 

 

उल्लेखनीय है कि भाजपा नेताओं ने मंगलवार को दो बार चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की. बताया जाता है कि मंगलवार शाम तक गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू नहीं हो पायी है .

 

चुनाव आयोग से मिलने के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्रकारों से कहा कि राज्यसभा चुनाव में मिलने जा रही हार की आशंका से कांग्रेस परेशान है और इसे पचा नहीं पा रही है. कांग्रेस के लोग अब हर प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं. प्रसाद ने दावा किया है कि चुनाव आयोग ने विधायकों के वोट के मामले में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.

 

कांग्रेस की शिकायत है कि दोनों विधायकों ने अमित शाह को बैलेट पेपर दिखाकर वोट डाले हैं. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से दोनों विधायकों के वोट खारिज करने की मांग की है. अधिकतर मिडिया की खबरों में दावा किया गया है चुनाव आयोग ने कांग्रेस की इस मांग को पूरी तरह खारिज कर दिया है.

बताया जाता है कि कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और आरपीएन सिंह ने चुनाव आयोग से मिल कर शिकायत की है कि कांग्रेस के दो विधायकों ने भाजपा को वोट  देकर अमित शाह को विजयी संकेत दिखाया.  सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के दोनों विधायक भोलाभाई और राघवजी पटेल ने पोलिंग एजेंट को अपने वोट नहीं दिखाए.

 

 

 

गौरतलब है कि राज्यसभा की तीन सीटों पर चार उम्मीदवार खड़े हैं. पहले से ही भाजपा की ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है जबकि लड़ाई तीसरी सीट को लेकर है,. इस पर कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के खासमखास व राजनीतिक सचिव अहमद पटेल उम्मीदवार हैं. इस सीट पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा  में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया गया हैं. यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि बलवंत सिंह राजपूत सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक होते थे.

 

 

इधर चर्चा का विषय है यह भी है कि एनसीपी ने भी कांग्रेस को जबरदस्त झटका दे  दिया है. एनसीपी के विधायक कांधल जडेजा ने भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में वोट डाला है. उन्होंने बताया है कि उनकी पार्टी ने उन्हें भाजपा को वोट देने का निर्देश दिया था. उन्होंने अमित शाह को वोट दिया है.  

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