जीएसटीएन पंजीकरण करने वालों की संख्या 77.5 लाख

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जीएसटी से उत्पन्न स्थिति पर केन्द्रीय निगरानी समिति की नजर

 नई दिल्ली : जीएसटीएन लागू होने से उत्पन्न होने वाली स्थिति पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार ने कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक केन्द्रीय निगरानी समिति गठित की है। इस निगरानी समिति की अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं.  समिति अपनी रिपोर्ट में  विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से प्राप्त फीडबैक का ब्योरा शामिल करती  है और सरकार को अपना सुझाव भी देती है. जीएसटीएन पंजीकरण कराने वाले कुल प्रतिष्ठानों की संख्या 77,55,416 हो गई हैइस आशय की जानकारी वित्त राज्य मंत्री  संतोष कुमार गंगवार ने शुक्रवार को  लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।

उन्होंने बताया कि समिति द्वारा जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के बारे जानकारी प्रसारित करने के लिए विभाग द्वारा उठाए गए कदम,  जिनका अब तक पंजीकरण नहीं हुआ है, जीएसटी से पहले और इसके लागू होने के बाद उत्पादों की कीमतों की स्थिति, प्रत्येक विभाग में गठित जीएसटी प्रकोष्ठ को प्राप्त सवाल एवं इनका समाधान, विभाग वार एफएक्यू (प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न), इसके हितधारकों के बीच इस बारे में जानकारी देना जैसे विषय पर नजर रख रही है.

वित्त राज्य मंत्री के अनुसार  प्रचार-प्रसार ,मंत्रालय की आवश्यकतानुसार जीएसटी पर क्षेत्र विशेष प्रशिक्षण,उत्पादों की किल्लत जैसे मामले भी उनकी संज्ञान में इन.

मंत्री ने दावा किया कि जीएसटी के तात्कालिक एवं दीर्घकालिक फायदे हैं. उनके अनुसार कारोबारी लेन-देन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही
टैक्स पर टैक्स लगने के असर में कमी और इनपुट टैक्स क्रेडिट का ज्यादा उपयोग, कर दरों को तर्कसंगत बनाना और कारोबार करने में और ज्यादा आसानी होगी .

उनका कहना है कि जीएसटीएन पंजीकरण कराने वाले कुल प्रतिष्ठानों की संख्या 77,55,416 हो गई है।  वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने के बाद देश भर में फैले क्षेत्रीय कार्यालयों से कोई भी प्रमुख समस्या उत्पन्न होने के बारे में जानकारी नहीं मिली है।

उन्होंने बताया कि व्यवसाय को समुचित रूप से करने/संचालित करने के लिए इंटरनेट की आवश्यकता नहीं है। इंटरनेट की आवश्यकता केवल तभी पड़ेगी जब जीएसटी के तहत रिटर्न दाखिल करना होगा। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि रिटर्न भरने में करदाताओं को कोई भी असुविधा नहीं हो इसके लिए हर आयुक्तालय में हेल्प डेस्क बनाई गई है.  इसके साथ ही जीएसटी सुविधा प्रदाताओं की नियुक्ति की गई है।

      

 

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