राष्ट्रपति चुनाव में ऊँट किस करवट बैठेगा ?

Font Size

एन डी ए की ओर से रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा के बाद गेंद विपक्ष के पाले में 

नई दिल्ली :   राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले इलेक्टोरल कॉलेज के आंकड़ों का आकलन करने से स्पष्ट है कि एनडीए के पास अपनी पसंद के प्रत्याशी को जिताने लायक बहुमत प्राप्त है.  हालाकिं एनडीए और विपक्ष दोनों इस बात पर बल दे रहा है कि सर्वसम्मत प्रत्याशी चुनना सही परंपरा होगी लेकिन राजनीतिक समीकरण बहुमत और अप्ल्मत के दायरे में बटते दिखाई देने लगे हैं. 

विपक्षी दलों का कहना था कि वे कोई भी निर्णय तभी ले सकते हैं, जब एन डी ए की ओर से किसी नाम की घोषणा कर दी जाए. खास कर कांग्रेस, वामदल, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यु, राजद , समाजवादी पार्टी तथा ओडिशा में सत्तासीन बीजू जनता दल ने इस बात पर बल दिया था कि पहल सरकार की ओर से होनी चाहिए जबकि उनकी ओर से  नाम का भी ऐलान हो.  एनडीए के सहयोगी दल शिवसेना ने भी इस मुद्दे पर विपक्ष के सुर मन सुर मिला दिया . शिवसेना ने तो यह कह दिया कि उम्मीदवार चुनने का अधिकार पीएम को नहीं दे सकते.

दूसरी तरफ तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सपष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी टीआरएस एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का समर्थन करेगी.  क्योंकि वह दलित नेता हैं, तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए स्वयं फोन कर अनुरोध किया था. इनसे पहले तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके तथा आंध्र प्रदेश से टीडीपी ने भी समर्थन देने की घोषणा कर दी थी.

इधर वामपंथी पार्टी के नेता सीताराम येचुरी  ने कहा था कि अगर एनडीए ने मंगलवार तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की, तो विपक्ष मजबूरन अपने प्रत्याशी का ऐलान कर देगा. आज की घोषणा के विपक्षी दल क्या रुख अपनाते हैं इस पर भाजपा की नजर बनी हुई है.

कांग्रेस तथा वामदलों का कहना था कि सरकार सर्वसम्मति नहीं बनाना चाहती है इसलिए नाम का ऐलान किये विना समर्थन मन रही है.  

अब एनडीए प्रत्याशी का नाम तय होने के बाद अमित शाह ने कहा है कि भजपा के वरिष्ठ नेता अलग पार्टियों से फिर संपर्क कर इस मामले पर चर्चा करेंगे. समझा जाता है कि  भाजपा नेता सभी विपक्षी दलों से पुनः संपर्क करेंगे.

भाजपा का सहयोगी दल शिवसेना ने कृषिविज्ञानी एमएस स्वामीनाथन व आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के नाम को सामने रखा तह लेकिन भाजपा ने इसे अस्वीकार करते हुए राम नाथ कोविंद का नाम सामने रखा है.  शिवसेना पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों के दौरान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन प्रत्याशियों डॉ प्रणब मुखर्जी तथा प्रतिभा पाटिल का समर्थन कर चुका है. इसलिए उनका रुख इस मामले में क्या होगा यह भी आशंका के घेरे में है.

 

मिडिया में खबर है कि भाजपा ने अपने सभी सांसदों तथा विधायकों को दिल्ली आने का फरमान जारी किया है. समझा जाता है कि यह आदेश इसलिए जारी क्या है कि उनसे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्रों पर दस्तखत करवाए जा सकें. निर्वाचित प्रतिनिधिन एनडीए के प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे .

 

कितने नामांकन ? 

चार नामांकन पत्र दाखिल किए जाते हैं. इनमें प्रत्येक पर 50 प्रस्तावकों तथा 50 अनुमोदकों के हस्ताक्षर होने अनिवार्य हैं.

अमित शाह के अनुसार नामांकन के लिए एन डी ए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद से चर्चा के बाद तारीख तय की जायेगी लेकिन संभावित तिथि  23 जून है. परंपरा के अनुसार इस अवसर पर पीएम नरेन्द्र मोदी स्वयं भी उपस्थित रह सकते हैं. पीएम पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अगले दिन अमेरिका यात्रा पर रवाना होंगे.

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

You cannot copy content of this page