नई दिल्ली : सियासत से पूर्व अदालत में लम्बी अवधि तक वकालत कर चुके हैं देश के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद. 72 वर्षीय कोविंद अनुसूचित जाति से हैं और संभावना है कि कांग्रेस सहित एनी दल भी इनके नाम पर सहम होंगे.
रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को उत्तरप्रदेश राज्य के कानपुर जिले के परौंख गांव में हुआ था. अध्ययन में बचपन से ही मेधावी रहे कोविंद सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील भी रह चुके हैं. वर्तमान में वे बिहार के राज्यपाल हैं. राज्यपाल के रूपमंकी नियुक्ति वर्ष 2015 में हुई थी.
कोविंद ने स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद सिविल सर्विसेस परीक्षा भी दी. इस अति प्रतिष्ठित परीक्षा में उन्हें दो बार नाकामी हासिल हुई. इस परीक्षा में तीसरी बार में उन्होंने सफलता हासिल की लेकिन आईएएस जॉब को ठुकरा दिया क्योंकि उनका चयन एलाइड सेवा के लिए हुआ था.
देश में इंदिरा गाँधी की हार के बाद वर्ष 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी तब कोविंद तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव भी रहे.
भाजपा से उनका जुडाव वर्ष 1991 में हुआ. भाजपा की टिकट से वे दो बार चुनाव भी लड़े लेकिन दोनों ही बार पराजित रहे. राज्यसभा में 12 वर्ष तक भाजपा का प्रतिनिधित्व करते रहे. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद भी उन्होंने संभाला है. कोविंद भाजपा के दलित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं. अनुसचित जाति वर्ग से के आर नारायणन के बाद रामनाथ कोविंद देश के दूसरे राष्ट्रपति होंगे.