नई दिल्ली : भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई ) ने प्रयागराज में जारी महाकुंभ 2025 में लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और स्वच्छ भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर कड़े कदम उठाए हैं। महाकुंभ मेले के दौरान एफएसएसएआई खाद्य सुरक्षा अधिकारियों, मोबाइल खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं (फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स) की तैनाती और जागरूकता अभियानों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सबसे अग्रणी है।
एफएसएसएआई ने उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के साथ मिलकर महाकुंभ क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में खाद्य विश्लेषकों सहित10 मोबाइल खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं तैनात की हैं। ये मोबाइल खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं मिलावट और खराब होने की दृष्टि से खाद्य पदार्थों की मौके पर ही जांच कर रही हैं, और खाद्य व्यापार संचालकों (एफबीओ), स्ट्रीट फूड विक्रेताओं और आम जनता के बीच जागरूकता उत्पन्न कर रही हैं, जिससे मेले में सुरक्षित खाद्य वातावरण सुनिश्चित हो रहा है।
मेले को पांच जोन और 25 सेक्टरों में बांटा गया है, जिनमें से प्रत्येक सेक्टर में खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) तैनात हैं, जो स्वच्छता और सुरक्षा मानकों की नियमित निगरानी करते हैं। कड़ी निगरानी के लिए, पूरे क्षेत्र में कुल 56 खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) तैनात किए गए हैं, जिनमें पांच मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी (सीएफएसओ) शामिल हैं। जबकि प्रत्येक सेक्टर में दो एफएसओ तैनात किए गए हैं, प्रत्येक जोन की निगरानी एक सीएफएसओ द्वारा की जा रही है, जिससे खाद्य सुरक्षा मानकों का व्यापक कवरेज और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित होता है। मेले में खाद्य सुरक्षा संचालन शहर के सेक्टर 24 स्थित संकट मोचन मार्ग पर एक समर्पित कार्यालय से केंद्रीय रूप से प्रबंधित किया जाता है।
खाद्य गुणवत्ता की जांच के लिए मेला परिसर पर मौजूद होटलों, ढाबों और छोटे खाद्य स्टॉलों का भी नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। मौके पर मौजूद टीम को खाद्य सुरक्षा संबंधी शिकायतों का तुरंत समाधान करने और इस्तेमाल होने वाले कच्चे सामान की गुणवत्ता सहित खाना पकाने के तरीकों की कड़ी जांच करके तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
महाकुंभ मेला क्षेत्र में लाए जाने वाले चावल, चीनी, गेहूं के आटे और अन्य आवश्यक खाद्य पदार्थों के नमूनों को जांच के लिए नियमित रूप से एकत्र किया जा रहा है। परीक्षण के लिए इन नमूनों को एकत्र करने के लिए वितरण और भंडारण दोनों बिंदुओं की पहचान की गई है। इन नमूनों का परीक्षण वाराणसी में क्षेत्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में किया जा रहा है।
निगरानी और कार्यान्वयन के अलावा, एफएसएसएआई ने भक्तों और विक्रेताओं के साथ संबद्धता के लिए एक इंटरैक्टिव मंडप स्थापित किया है। इन स्टॉलों पर सुरक्षित खाद्य प्रथाओं के महत्व को रेखांकित करने वाले नुक्कड़ नाटक और खाद्य सुरक्षा एवं पोषण पर लाइव प्रश्नोत्तरी आयोजित की जाएंगी।। स्टॉल पर मौजूद एफएसएसएआई के अधिकारी मिलावट, लाइसेंसिंग, प्रशिक्षण आदि जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरूकता भी फैला रहे हैं। इन अभियानों के माध्यम से, एफएसएसएआई का उद्देश्य लोगों को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन के महत्व के बारे में प्रभावी ढंग से शिक्षित करना है।
एफएसएसएआई की अगुवाई में ये व्यापक व्यवस्थाएं सार्वजनिक स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।