एचआर मैनेजर्स अब बिज़नेस मैनेजर्स की तरह करें काम : अनुपम मलिक

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एन सी आर चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से सेमीनार का आयोजन 

दुनिया के राष्ट्रमंडल देशों में कमोवेश एक जैसे ही श्रमिक कानून

भारत की कंपनियों में फीड बेक शेयर सिस्टम अब तक विकसित नहीं

गुरुग्राम : दुनिया के राष्ट्रमंडल देशों में कमोवेश एक जैसे ही श्रमिक कानून व इससे जुड़े प्रावधान मौजूद हैं. हमें श्रम कानूनों के प्रावधानों के प्रति संवेदनशील बनने की जरूरत है. औद्योगिक व व्यावसायिक इकाइयों में कार्यरत एच आर मेनेजर्स को बिज़नेस मेनेजर्स की तरह काम करना होगा. उन्हें औद्योगिक ग्रोथ एवं सिस्टम को रचनात्मक रूप से विकसित करने में मदद करनी चाहिए जबकि नकारात्मक पहलुओं को हतोत्साहित करने जरूरत है. इससे सम्बंधित इकाइयों की उत्पादकता बढ़ेगी और संस्थान व्यावसायिक दृष्टिकोण से समृद्ध बनेगा.

यह विचार श्रम विभाग हरियाणा के अतिरिक्त श्रमायुक्त अनुपम मलिक ने व्यक्त किया. श्री मलिक शुक्रवार को एन सी आर चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री गुरुग्राम की ओर से स्थानीय होटल प्लाजा में आयोजित एक सेमीनार को संबोधित कर रहे थे. सेमिनार का विषय “Updation of Labour Laws, changes in the provisions of ESI & Provident Fund” था. इस अवसर पर दो दर्जान से अधिक वृहत, मध्यम एवं लघु औद्योगिक इकाइयों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के एच आर मेनेजर्स प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए श्री मलिक ने कहा एच आर मेनेजर्स पी ऍफ़ व ई एस आई सी जैसी सुविधाओं से श्रमिकों को वंचित करने में अपनी एनर्जी लगाने की बजाय उन्हें प्रोडक्टिव बनाने में लगाएं. यह संस्थान के हित में है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि आज सामाजिक सुरक्षा प्रत्येक व्यक्ति की जरूरत है और इसके अनुपालन पर अधिकतम फोकस करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है.

श्री मालिक कहना था कि भारत की कंपनियों में फीड बेक शेयर सिस्टम अब तक विकसित नहीं हो पाया है. हम श्रमिकों को प्रोडक्शन में उनके योगदान से उन्हें अवगत नहीं कराते हैं जबकि उनकी कुछ कमियों को लम्बी अवधि बाद उजागर कर उनके वेतन में दंड स्वरुप कटौती करते हैं. यह परंपरा सही नहीं है. अतिरिक्त श्रमायुक्त ने इससे तौबा करने की जरूरत पर बल दिया.

अपने संबोधन में उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से शुरू किए गए सुविधा पोर्टल की चर्चा करते हुए दावा किया कि इस पोर्टल से जुड़ने वाला हरियाणा पहला राज्य है. उनके अनुसार हरियाणा सरकार ने तेज गति से श्रमिकों सम्बन्धी सभी प्रावधानों को ऑनलाइन करने के कदम उठाये और कार्यक्रम के दौरान श्रम विभाग की वेबसाइट https://hrylabour.gov.in का लाइव प्रदर्शन कर सभी सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की.

ईएसआईसी के डायरेक्टर ने क्या कहा ? 

सेमीनार में ई एस आई सी गुरुग्राम परिक्षेत्र के डायरेक्टर डी के मिश्रा ने सुविधा पोर्टल के प्रवाधानों की चर्चा की और सामाजिक सुरक्षा के प्रति केंद्र सरकार के दृष्टिकोण को रखा. दर्जनों इकाइयों के एच आर मेनेजर्स का ध्यान फैक्ट्री में श्रमिकों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं की ओर आकृष्ट किया. उन्होंने आगाह किया कि दुर्घटना सम्बन्धी जानकारी लम्बे समय बाद दी जाती है जिससे पीड़ित श्रमिक को अपेक्षित सामाजिक लाभ नहीं मिल पाता है. इसलिए विना देरी के इसकी सूचना विभाग को देनी चाहिए. उन्होंने श्रमिकों को पंजीकृत करने के लिए 20 दिसंबर 2016 से शुरू की गयी एमनेस्टी योजना की अवधि अब 31 मार्च 2017 से बढ़ा कर 30 जून 2017 करने की जानकारी दी . उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत श्रमिकों को पंजीकृत करने लिए केवल एक रु. अदा करने पड़ते हैं. उन्होंने औद्योगिक प्रतिनिधियों से इसका लाभ उठाने का आह्वान किया.

रीजनल प्रोविडेंट फण्ड कमिश्नर ने क्या कहा ? 

इस अवसर पर गुरुग्राम के रीजनल प्रोविडेंट फण्ड कमिश्नर राजीव बिष्ट ने भी विभिन्न प्रावधानों की जानाकरी दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रामिकों का डाटा करेक्शन जरूरी है. इसमें आधार कार्ड के विना रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. श्री बिष्ट ने प्रधान मंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए श्रमिकों की सोसाइटी गठित करने को प्रोत्साहित किया जबकि सभी एच आर मेनेजर्स को न्यूनतम वेतन के नियमों का पालन करने को भी आगाह किया.

एच पी यादव ने उद्योग जगत की परेशानियों को उजागर किया

इससे पूर्व एन सी आर चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष एच पी यादव ने अपने स्वागत भाषण में उद्योग जगत की परेशानियों को उजागर किया. उनका कहना था कि श्रम विभाग की वेबसाइट पर डाटा अपलोडिंग में दिक्कतें आतीं हैं जबकि पी ऍफ़ के लिए युनिवर्सल अकाउंट में भी तकनीकि परेशानी होती है. उनके अनुसार कई बार आधार और के वाई सी की डिटेल मैच नहीं करती है. उन्होंने सवाल किया कि औद्योगिक प्रबंधन यह जानना चाहता है कि पी ऍफ़ का आधार न्यूनतम वेतन है या कुछ और प्रावधान है ?

श्री यादव ने बाबल एवं धारूहेड़ा की सैकड़ों इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों के लिए एक हॉस्पिटल बनाने की मांग की साथ ही गुरुग्राम के ई एस आई सी हॉस्पिटल को तकनीकि सुविधाओं से अपग्रेड करने की ओर भी ध्यान दिलाया.

श्रमिक उत्पात पर अंकुश लगाने के लिए विशेष सुरक्षा बल

एन सी सी आई प्रेसिडेंट ने गुरुग्राम में श्रमिक उत्पात पर अंकुश लगाने के लिए विशेष सुरक्षा बल गठित करने की मांग की. हालाँकि उन्होंने माना की हाल के दिनों में इस प्रकार की घटनाओं में कमी आई है लेकिन इस ओर विशेष प्रयास किये जाने पर बल दिया. उनका यह भी सुझाव था कि मेनेजर्स को श्रमिक सामाजिक सुरक्षा से सम्बंधित सभी प्रकार की ट्रेनिंग विभाग की ओर से दी जानी चाहिए जिससे इस मद में त्रुटियाँ कम से कम हो.

ओमेक्स ऑटो के चेयरमैन जे के मेहता ने श्रमिक उत्पात पर चिंता जताई 

सेमिनार में ओमेक्स ऑटो के चेयरमैन जे के मेहता ने भी श्रमिक उत्पात की बढती घटनाओं पर चिंता जाहिर की. उन्होंने ध्यान दिलाया कि गुरुग्राम में श्रमिकों के नाम पर तथाकथित शर्मिक यूनियनें नकारात्मक वातावरण उत्पन्न करने में व्यस्त हैं. उन्हें श्रमिकों के हित से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इससे ख़ास कर एन्सिलीअरी इंडस्ट्रीज को बड़ा नुकसान  उठाना पड रहा है. कई औद्योगिक इकाइयां इस कारण से बुरी तरह प्रभावित हैं. उनका कहना था कि वर्तमान प्रदेश सरकार का इस विषय के प्रति बेहद संवेदनशील रुख है जो हमारे लिए संतोषजनक है.

श्रम विभाग की उप निदेशक का आश्वासन

गुरुग्राम श्रम विभाग की उप निदेशक सुधा चौधरी ने अपने संबोधन में किसी भी समस्या के हल के लिए विभागीय सहयोग मुहैया कराने का आश्वासन दिया. उन्हने स्पष्ट किया कि उनकी जिम्मेदारी श्रमिकों व प्रबंधन के बीच सामंजस्य स्थापित करवाना है. उनका कहना था कि अधिकतर श्रमिक विवाद बिचौलियों के कारण होते हैं. अगर कम्पनी ओनर स्वयं ऐसी समस्याओं को संवेदनशीलता से देखे तो इसे रोका जा सकता है.

टेक्नीकल सेशन में श्रमिक कानून विशेषग्य

सेमीनार के टेक्नीकल सेशन में श्रमिक कानून विशेषग्य व वरिष्ठ वकील बी आर सचदेवा ने विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि प्रबंधन की ओर से श्रमिकों को उनके अधिकारों की लिखित जानकारी या अन्य माध्यम से हिंदी या अंग्रेजी में देना अनिवार्य हो गया है अन्यथा 50 हजार से एक लाख रु. तक का दंड का प्रावधान है. कार्यालय सचिव विवेक उपाध्याय ने एनसीआई की गतिविधियों से सभी को अवगत कराया.  इस अवसर पर ई एस आई सी के उपनिदेशक सुनील यादव भी उपस्थित थे.

 

कार्यक्रम में एन सी सी आई अध्यक्ष एवं अन्य प्रतिनिधियों की ओर से सभी अतिथियों को मोमेंटो भेंट कर समानित किया गया. सेमीनार के अंत में श्रम कानून विशेषग्य एवं वरिष्ठ वकील आर एल शर्मा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और श्रम विभाग के आधुनिकीकरण के लिए अतिरिक्त श्रमायुक्त अनुपम मलिक की सराहना की.

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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