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नि:स्वार्थ कदम संस्था की ” सैनिकों के नाम, विद्यार्थियों के पैगाम-मुहिम “
बच्चों ने कहा , बार्डर पर दुश्मनों से लडऩे में पूरा देश उनके साथ
अब तक तीन हजार विद्यार्थी लिख चुके हैं पत्र
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मंगलवार को आयोजित इस पत्रलेखन कार्यक्रम में आठवीं से १२वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया । कुछ विद्यार्थियों ने सेना और भारत माता के लिए देशभक्ति के गीत गाए। बीच-बीच में विद्यार्थियों ने जमकर भारत माता की जय,ख्मेरा भारत महान, जय जवान-जय किसान के नारे लगाए। सभी के हाथों में तिरंगे झंड़े भी लहरा रहे थे, जिससे पूरे स्कूल प्रांगण में देशभक्ति का माहौल बना रहा। इस मौके पर हरियाणा संस्कृति एकेडमी के निदेशक श्रेयांश द्विवेदी ने कहा कि सीमा पर हमारे सैनिक जिन परिस्थितियों में रहते हैं और हमें सुरक्षित रखते हैं, ऐसे में हमें भी सोचना होगा कि हम उनके लिए क्या कर सकते हैं। दूर बैठकर हम केवल यह नहीं कह सकते कि हम क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह सोचना होगा कि हमें भी अपने देश के लिए और अपने सैनिकों
के लिए करना है। निस्वार्थ कदम संस्था द्वारा चलाए गए सैनिकों के नाम, विद्यार्थियों के पैगाम ने लोगों को खास कर विद्यार्थियों को एक राह दिखाई है कि वे भी सैनिकों तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं।
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कार्यक्रम में समाज सेवी श्रवण दुबे ने कहा कि विद्यार्थियों के ये पत्र देखने में छोटा कदम लग रहा है, लेकिन वास्तव में अपने घरों से दूर बैठे सैनिकों का हौसला बढ़ाने और उनके प्रति देश की भावना पहुंचाने का सबसे बेहतर और बड़ा कदम है। पूरे देश में यह मुहिम चलनी चाहिए और लोगों खुद से सेना को पत्र लिखने चाहिए कि पूरा देश उनके साथ है। निस्वार्थ कदम से महासचिव अरविंद सैनी और स्कूल प्रिंसिपल बह्मप्रकाश ने भी अपने उद्बोधन में कहा कि सैनिकों के नाम-विद्यार्थियों के पैगाम आतंकवाद और नकसलवाद के खिलाफ देशवासियों की लड़ाई है।
इस लड़ाई में हम सैनिकों के साथ सदा खड़े रहेंगे यह भावना इन पत्रों के जरिए जब सेना तक पहुंचेगी तो वे दुश्मनों पर कहर बनकर टूटेंगे। सैनी ने कहा कि लगातार अनेक स्कूलों में ये कार्यक्रम चलने हैं, जब लगभग दस हजार पत्र हो जाएंगे तो सेना को भेज दिए जाएंगे। इस अवसर पर प्रोफेसर रजनीकांत शर्मा, मनीष यादव, समाजिक कार्यकर्ता मुकेश, संदीप के अलावा स्कूल के माननीय प्राध्यापक व प्राध्यापिकाएं मौजूद रहीं।