लालू यादव की कथित बेनामी संपत्ति को लेकर 22 जगहों पर आयकर विभाग का छापा

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गुरुग्राम /नई दिल्ली : मिडिया में पिछले कई घंटे से खबर तेज गति से तैर रही है कि आय कर विभाग ने मंगलवार सुबह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के 22 ठिकानों पर छापेमारी की है. कहा जा रहा है कि यह छापे कथित बेनामी संपत्ति के मामले में मारे गये हैं. सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि आयकर विभाग ने दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में कम से कम 22 स्थानों पर दबिश दी है और उनकी कथित बेनामी संपत्ति को खंगाला है. ख़बरों में कहा गया है कि यह कथित कार्रवाई राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव तथा उनसे जुड़े कई लोगों से संबंधित लगभग एक हजार करोड़ की कथित बेनामी संपत्ति के सौदे को लेकर है.

मिडिया की खबर में विभाग के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि उह छापे दिल्ली, गुड़गांव, रेवाड़ी में कुछ जानेमाने कारोबारियों तथा रियल एस्टेट एजेंटों तथा अन्य के परिसरों पर पड़े है.

 

खबर है कि राजद के सांसद पीसी गुप्ता और कुछ अन्य व्यावसायियों के ठिकानों की  भी तलाशी ली गई. कहा जा रहा है कि आयकर विभाग की छापेमारी एक दर्जन स्थानों पर की गई है जबकि 10 अन्य आधिकारिक परिसरों का सर्वे भी किया है .

 

एक निजी मिडिया की खबर में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को उधृत करते हुए इसकी पुष्टि की गयी है कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार से जुड़े एक भूमि सौदे में शामिल लोगों और कारोबारियों के यहां तलाशी ली गई है .

उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते भाजपा ने लालू प्रसाद, उनकी सांसद बेटी मीसा भारती और उनके दोनों बेटों पर लगभग 1,000 करोड़ रूपये के कथित भूमि सौंदों में शामिल होने का आरोप लगाया था. बिहार में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार से दिल्ली में हुए ऐसे कथित एक सौदे की जांच की मांग की थी. भाजपा नेता ने  लालू यादव के दोनों मंत्री बेटे पर निशाना साधा था.

बिहार में यह मुद्दा कुछ दिनों से छाया हुआ है और प्रदेश की नितीश कुमार सरकार भी  विपक्ष के निशाने पर रही है. हालाँकि प्रदेश के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों के सवाल पर स्पष्ट कर दिया था इस आरोप का जवाब लालू जी स्वयं दे रहे हैं और अगर तथ्य है तो आरोप लगाने वालों को कानूनी रास्ता अपनाने का अधिकार है. उन्होंने यह भी कहा था कि इसमें केंद्र की और से जाँच कराने का मामला बनता है. दूसरी तरफ राजद नेताओं भाजपा के कथित आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज क्र दिया था . साथ ही पार्टी ने पीएम मोदी को सभी आरोपों की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की चुनौती दी थी. बिहार में भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा था कि लालू परिवार ने एक कंपनी के जरिए दिल्ली में 115 करोड़ रुपए की संपत्ति अपने नाम करवा रखी है.

 

अत्यारोप के इस संघर्ष में केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी पटना में आरोप लगाया था कि ये कथित लेनदेन फायदा पहुंचाने के एवज में किए गए हैं. उन्होंने कहा था कि यह लेनदेन उस समय के हैं जब लालू प्रसाद यादव रेलवे मंत्री थे. यहाँ तक कि केंद्री मंत्री प्रसाद ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लालू के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी थी.

 

रवि शंकर प्रसाद नेदावा किया था कि उक्त कंपनी के मालिकों का पता वही है जो लालू के आधिकारिक आवास का पता है. यह कंपनी कथित तौर पर लालू के परिवार के सदस्यों ने शुरू की है. उन्होंने आरोप लगाया था कि बिहार में कई संदिग्ध भूमि सौदे हुए. उन्होंने नितीश कुमार से सवाल किया था कि क्या नीतीश सरकार उस विशेष कानून का इस मामले में इस्तेमाल करेंगे जिसमें गैरकानूनी धन से प्राप्त संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान है.

 

उन्होंने कहा, ‘लालू प्रसाद की राजनीति लूट की राजनीति होने का आरोप लगाते हुए बिहार के पटना में राज्य का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल भी इसी परिवार का होने का दावा किया था. उल्लेखनीय है की कथित माल लगभग 7.5 लाख वर्गफुट इलाके में बन रहा  है.

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