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भिवानी में आयोजित प्रथम दीक्षांत समारोह
शिक्षा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होना चाहिए : प्रो० सोलंकी
चंडीगढ़, 11 मई : चौ० बंसीलाल विश्वविद्यालय में हरियाणा के राज्यपाल प्रो० कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान व जानकारी हासिल करने का ध्येय ही नहीं होना चाहिए बल्कि शिक्षा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होना चाहिए।
राज्यपाल आज भिवानी में आयोजित विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 236 विद्यार्थियों को डिग्रियां वितरित की। इनमें 178 लड़कियां व 58 लडक़े शामिल हैं। इसके अलावा, 17 विद्यार्थियों को गोल्ड मैडल प्रदान कर सम्मानित किया।
राज्यपाल ने कहा कि जिन विद्यार्थियों को डिग्रियां बांटी गई हैं, उनमें अधिकांश लड़कियां हैं, जिससे ऐसा आभास होता है कि हरियाणा सरकार द्वारा चलाए गया ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान सार्थक सिद्ध हुआ है। आज लड़कियों का 950 का आंकड़ा पार करने जा रहा है, इसके लिए प्रदेशवासी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं से देश का भविष्य जुड़ा हुआ है। इसलिए युवाओं को नैतिक मूल्यों का हनन नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपने गुरु बृजानंद को दीक्षांत समारोह में अपना जीवन ही समर्पित कर दिया था। उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए युवाओं को भी दीक्षांत समारोह में राष्ट्र व समाज में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए।
शिक्षा मंत्री प्रो० रामबिलास शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों ने इस दीक्षांत समारोह उपरांत अपने जीवन की एक सीढ़ी पार कर ली है अब उन्हें दूसरे पड़ाव के लिए तत्पर रहना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, संस्कार व संस्कृति हमारे देश का पेटैंट है। युवाओं को मानव निर्माण के कार्य पर बल देते हुए समाज में अनुकरणीय कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चौ. बंसीलाल एक कुशल प्रशासक व संस्था थे। उनके मार्गदर्शन पर चलते हुए हमें विश्वविद्यालय का नाम रोशन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने गीता अध्याय को पाठयक्रम में शामिल करके युवाओं को प्राचीन संस्कृति से सराबोर करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य स्पष्ट तैयार करना चाहिए तथा उसे पूरा करने के लिए भी अथक प्रयास करना चाहिए।
भारत सरकार के पूर्व मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि विद्यार्थियों को शैक्षणिक क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने चाहिए और उन्हें निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने नकलरहित परीक्षाएं आयोजित करवाकर देश में अनूठा उदाहरण पेश किया है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के गहन अध्ययन से उनमें काबलियत पैदा होगी और वे मौलिक व नैतिक अधिकारों का संस्मरण करते हुए समाज निर्माण में अहम योगदान देंगे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. गक्खड़ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की। समारोह में महेंद्रगढ़-भिवानी लोकसभा क्षेत्र के सांसद धर्मबीर सिंह, भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री रविंद्र शुक्ला को डी-लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय की वार्षिक सोवनीयर का भी विमोचन किया।