देश में वीआइपी कल्चर ख़त्म
मोदी केबिनेट का बड़ा फैसला , लाल बत्ती लगाने वाला कानून होगा रद्द
राज्य सरकार भी अपने वाहन पर नहीं लगा सकेगी लाल बत्ती
नई दिल्ली : देश में वीआइपी कल्चर और लाल बत्ती लगा कर रौब गांठने का ज़माना अब लदने वाला है. स्वस्थ लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने आज एक और ऐतिहासिक कदम उठाया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज देश में सभी श्रेणियों के वाहनों के ऊपर लगी सभी तरह की बत्तियां हटाने का फैसला किया। सरकार का स्पष्ट मानना है कि वाहनों पर लगी बत्तियां वीआईपी संस्कृति का प्रतीक मानी जाती हैं और लोकतांत्रिक देश में इसका कोई स्थान नहीं है। उनका कुछ भी औचित्य नहीं है। हालांकि आपातकालीन और राहत सेवाओं, एम्बुलेंस, अग्नि शमन सेवा आदि से संबंधित वाहनों पर बत्तियों लगाने की अनुमति होगी। इस फैसले को ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय कानून में आवश्यक प्रावधान करेगा।
आगामी एक मई से देश के प्रधान मंत्री सहित सभी मंत्रियों और अधिकारियों की गाड़ियों पर बत्ती लगाना बैन करने का निर्णय किया गया है. मोदी कैबिनेट ने बुधवार को इस सम्बन्ध में फैसला लिया. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि अब सिर्फ एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस डिपार्टमेंट जैसी कुछ इमरजेंसी सेवाओं के वाहनों पर ही नीली बत्ती लगाने की अनुमति होगी .
राजनीतिज्ञों व अधिकारियों द्वारा समाज में अलग दिखने की चाहत में वर्षों से जारी इस परम्परा को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने कानून में बदलाव करने का निर्णय लिया है. इसके लिए 1989 के सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट में दो महत्वपूर्ण संशोधन करने का प्रस्ताव है जिससे वाहनों पर लाल व नीली बत्ती लगाने के प्रावधान को वर्तमान निर्णय के अनुरूप बनाया जा सकेगा.
केबिनेट में लिए गए फैसले की ख़ास बातें :
– एक मई से नीली बत्ती एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस जैसी इमरजेंसी सर्विस के व्हीकल्स पर भी लगेगी .
– वित्त मंत्री के अनुसार मोटर व्हीकल एक्ट के नियम 108 (i) और 108 (iii) के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के वीआईपी की गाड़ियों में लाल बत्ती लगाने का हक मिला हुआ है, लेकिन अब इस नियम को पूरी तरह रद्द करने का फैसला लिया गया है। इससे साफ़ हो गया है कि अब देशभर में किसी को भी सरकारी या निजी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाने का अधिकार नहीं होगा.
- उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि नियम 108 (2) में राज्य सरकारों को वीआईपी व्यक्तियों की गाड़ियों पर नीली बत्ती लगाने का अधिकार है, लेकिन केबिनेट ने अब इस नियम में भी बदलाव करने का फैसला लिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज इस फैसले के तत्काल बाद सबसे पहले अपने वाहन से लाल बत्ती हटा दी है.
– गडकरी लाल बत्ती छोड़ने वाले मोदी कैबिनेट के पहले मंत्री हैं.
– गडकरी ने दावा किया कि यह सरकार आम आदमी की सरकार है, जिसने लाल बत्ती और सायरन के इस्तेमाल वाला वीआईपी कल्चर खत्म करने का बड़ा निर्णय लिया.
- खबर है कि गडकरी के अलावा कई और केंद्रीय मंत्रियों ने अपनी गाड़ियों से आज से ही लाल बत्ती हटा दी है.
प्रधान मन्त्री की पहल :
– सरकारी गाड़ियों पर बत्ती का इस्तेमाल खत्म करने के लिए रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टरी काफी वक्त से काम कर रही थी.
– यह मामला डेढ़ साल से लंबित था. इस मुद्दे पर पीएमओ बड़े ऑफिसर्स से बैठक की गयी.
– ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने पीएमओ को जो ऑप्शन दिए उनमें पहला यह था कि बत्ती का इस्तेमाल सभी के लिए बंद कर दिया जाए.
– दूसरा यह कि प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, पीएम और के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर को इसकी इजाजत दी जाए.