गुरुग्राम विधायक का सरकार पर पलटवार : मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद ठगे रह गये निवेशक

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विधायक का आरोप : यूनिटेक ने न दिये फ्लैट न लौटाया रूपया

गुरुग्राम। भारतीय जनता पार्टी के विधायक उमेश अग्रवाल ने सरकार की मिलिभगत से यूनिटेक कंपनी को पहुंचाए जा रहे फायदे से कंपनी द्वारा किए गए बड़े घोटालों की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूनिटेक कंपनी ने कई हजारों लोगों से फ्लैट देने के नाम पर एवं अन्य प्रकार के इनवैस्टमेंट के नाम पर हजारों करोड़ रूपये का घोटाला किया है निवेशकों के बार-बार अनुरोध के बावजूद भी सरकार लोगों को राहत देने में असफल रही है।

विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 2012 में यूनिटेक कंपनी ने 50 हजार से अधिक निवेशकों से फिक्सड डिपोज़िट, 12 प्रतिशत की दर ब्याज पर छह सौ करोड़ रूपये से अधिक जमा करवा लिया जबकि उनके पास ऐसा इनवैस्टमेंट लेने के अधिकार नहीं थे। इसी प्रकार गुरुग्राम में हजारों फ्लैट निवेशकों को बेच दिये और इन फ्लैटों का निर्माण नहीं किया गया। जब लोगों ने आशा भरी निगाहों से हरियाणा की भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री को शिकायत की तो मुख्यमंत्री ने ग्रीवैंस कमेटी की चार मीटिंगों में इन मुद्दों को हल करने का आश्वासन दिया। वर्ष 2016 में ग्रीवैंस कमैटी की बैठकों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी ने तत्कालीन जिला उपायुक्त टी.एल. सत्यप्रकाश को यूनिटेक कंपनी की सभी सम्पति और देनदारियों की बैलेंस सीट बनाने के आदेश दिये। मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी ने सभी निवेशकों को उनकी पूंजी की सुरक्षा का आश्वासन भी दिया।

विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि ज्यादातर निवेशकों ने यूनिटेक कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति एवं उनकी अकूत सम्पति में विश्वास कर अपनी पूंजी लगाई। इन निवेशकों को भाजपा सरकार से उम्मीद बंधी थी कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उनको न्याय मिलेगा तथा उन्हें फ्लैट अथवा पूंजी वापिस मिलेगी। विधायक उमेश अग्रवाल ने खेद जताते हुए कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री निवेशकों को न्याय दिलाने का आश्वासन दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ भाजपा के कुछ लोगों ने कंपनी के साथ मिलीभगत करके कंपनी की सैंकड़ों एकड़ जमीन को बिकवा दिया। इस दौरान जो जमीन बेची गई उसका सर्कल रेट का पैसा तो कंपनी में आया, लेकिन बाजार भाव के अनुसार का जो पैसा था वह कंपनी और भाजपा नेताओं ने मिलकर इधर-उधर कर दिया।

विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि इतना ही नहीं गुरुग्राम में कंपनी के निदेशकों के खिलाफ जो दो दर्जन मुकदमे दर्ज किये थे उनमें पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने इन निदेशकों को गिरफ्तार किया तो मजबूरीवश गुरुग्राम पुलिस ने इन निदेशकों को प्रोडेक्शन वारंट पर पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया, लेकिन इन पांच दिनों में गुरुग्राम पुलिस इन निदेशकों से कुछ भी नहीं उगलवा सकी और इन निदेशकों की जमानत हो गई। विधायक उमेश अग्रवाल का कहना है कि सरकार और प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद निवेशक अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस बात की जांच कर ले कि यूनिटेक कंपनी की इन जमीनों को बेचने में भाजपा के किन-किन नेताओं की मिलीभगत है तो सारी स्थिति स्वतः ही स्पष्ट हो जाएगी और सरकार को बदनाम करने वाले कई चहरे बेनकाब हो जाएंगे। इतना ही नहीं अगर यह निष्पक्ष जांच होती है तो लोगों का विश्वास पुनः हरियाणा की भाजपा सरकार में बहाल हो जाएगा। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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