ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीश्नर ने की सीएम मनोहर लाल से मुलाक़ात

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द्विपक्षीय संबंधों पर हुई बातचीत 

1000 करोड़ की लागत से स्थापित होगा इंडो-यूके संस्थान

स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलेगी मदद 

चंडीगढ़:  चंडीगढ़ में ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीश्नर रहे  डेविड लेलियट ने हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल को आश्वस्त किया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हरियाणा में प्रस्तावित इंडो-यूके संस्थान की स्थापना के लिए वे अपना पूर्ण सहयोग देंगे। यह संस्थान 1000 करोड़ रुपये की लागत से 50 एकड़ जमीन पर बनना प्रस्तावित है। हरियाणा में इस संस्थान के लिए उपयुक्त स्थल का चयन करने के लिए यूके की एक टीम पहले से ही कई स्थानों का दौरा कर चुकी है। श्री लेलियट चंडीगढ़ से तबादला होने के बाद आज मुख्यमंत्री से औपचारिक मुलाकात करने आए थे। डेविड लेलियट के साथ श्री एंड्रयू आइरे भी साथ थे, जो चंडीगढ़ के नए ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीश्नर के रूप में कार्यभार संभालने वाले हैं।

श्री लेलियट,जो यहां चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, इस महीने के अंत में वे मिशन के उप प्रमुख के रूप में सुडान जाएंगे। मुख्यमंत्री ने श्री लेलियट को उनकी नई नियुक्ति के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि उनके माध्यम से भारत और विशेषकर हरियाणा के ब्रिटेन के साथ मजबूत संबंध रहे हैं। श्री लेलियट ने श्री एंड्रयू आइरे का मुख्यमंत्री से परिचय करवाते हुए कहा कि इनके माध्यम से भी हरियाणा और ब्रिटेन के बीच के अच्छे संबंध रहेंगें। उन्होंने उनके और श्री एंड्रयू आइरे की ओर से हरियाणा सरकार को पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया। 

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हरियाणा में भरपूर मात्रा में गन्ना उगाया जाता है, इसलिए ब्रिटेन द्वारा चीनी उत्पादन के लिए इकाइयों की स्थापना में सहायता की जा सकती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में 11 चीनी मिलें काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि चावल और गेहूं के पारंपरिक फसलों के बजाय किसानों को बागवानी और अन्य नकदी फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए फसलों के विविधीकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की करीब 40 मिलियन आबादी की फलों, फूलों, सब्जियों व दूध की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ‘पेरी-अर्बन कनस्पैट’ का लागू कर रही है। श्री एंड्रयू आइरे ने कहा कि वह हरियाणा में अभी तक जो कुछ भी देख चुके हैं, उससे काफी प्रभावित हैं। उन्होंने आपसी हित के क्षेत्र में हरियाणा के साथ सहयोग में गहरी रुचि दिखाई है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल गुरूग्राम में होने वाली हरियाणा ग्लोबल इन्वेस्टर के शिखर सम्मेलन के दौरान यू.के. के साथ दो प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके अलावा, ब्रिटेन की विभिन्न अग्रणी कंपनियों ने हरियाणा में अपनी इकाइयां स्थापित की हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में गुरुग्राम में ग्लोबल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, दक्षिण हरियाणा में 1200 एकड़ जमीन पर इंडस्ट्रियल लोजिस्टिक हब, 136 किलोमीटर लंबी कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक गलियार बनाने जैसी प्रमुख परियोजनाओं को शुरू किया जा रहा है।

           मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कौशल विकास को भी विकास का एक अन्य प्रमुख क्षेत्र के रूप में पहचाना है। राज्य में हरियाणा कौशल विकास मिशन की स्थापना की गई है और पलवल में कौशल विकास विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय भवन का निर्माण एक वर्ष के भीतर पूरा हो जाएगा। 

उन्होंने बताया कि कृषि-आधारित, खाद्य प्रसंस्करण और संबद्ध उद्योग, वस्त्र, परिधान, जूते और सहायक सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा और एयरोस्पेस, विनिर्माण और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य सरकार बल दे रही है। 

इस अवसर पर बैठक में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. राकेश गुप्ता और उद्योग विभाग के सचिव श्री देवेन्द्र सिंह उपस्थित थे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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