बजट में प्राथमिक क्षेत्र में उद्योग को शामिल नहीं करना निराशाजनक : एच पी यादव

Font Size

नये कर का प्रावधान नहीं करने से आम जनता व उद्योग को भी राहत 

एकीकृत लाईसेन्सिंग नीति की घोषणा स्वागतयोग्य 

गुरुग्राम :  वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु द्वारा पेश बजट 2017-18 के प्राथमिक क्षेत्रों वाली सूचि में उद्योग को शामिल नहीं करना उद्योग जगत में निराशा पैदा करने वाला है. हालाँकि किसी प्रकार के नये कर का प्रावधान नहीं करना आम जनता के साथ उद्योग को भी राहत देने वाला निर्णय है. साथ ही मंगल नीति विकास योजना के लिए 1000 करोड़ रूपये के आबंटन से शहरी आधारभूत संरचनाओं को मजबूती मिलेगी.

यह विचार एन सी आर चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री गुर्गुग्राम के अध्यक्ष एच पी यादव ने व्यक्त किया. श्री यादब ने सोमवार को हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सिंह द्वारा विधान सभा में पेश बजट 2017-18 पर एक विज्ञप्ति के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा उपकरणों  को वैट फ्री करने से उद्योगो को सौर ऊर्जा उपकरणो को लगाने में प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंगल नीति विकास योजना के लिए 1000 करोड़ रूपये के आवंटन से शहरी क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों के आसपास आधारभूत संरचना का विकास हो सकेगा।

श्री यादव् ने वित्त मनरी की ओर से औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की नई नीति एवं एकीकृत लाईसेन्सिंग नीति तैयार करने की घोषणा का स्वागत किया. उन्होंने आशा व्यक्त की कि  इससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगी.

उनका मानना है कि इस बजट के अन्तर्गत 15 नये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानो की स्थापना के प्रावधान किये जाने से प्रदेश के युवाओं को ओद्योगिक ईकाइयों की मांग के अनुरूप  प्रशिक्षण दिया जाना संभव होगा. इससे युवा रोजगार प्राप्त करने के लायक बनेंगे . यह  मानव संसाधन विकास की दृष्टि से सही कदम है.

उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दक्षिणी हरियाणा में गुडग़ांव से मानेसर व रेवाड़ी तक दिल्ली मैट्रो के  विस्तार व मेवात क्षेत्र को रेलवे लाईन से जोडऩे सम्बन्धी कोई प्रावधान नहीं किया गया. इससे उद्यमियों को निराशा हुई है।

उनका कहना है कि बजट में सैनिक एवं अर्धसैनिक विभाग के गठन का प्रावधान तो किया गया है लेकिन लम्बे समय से मांग की जा रही ‘‘हरियाणा औद्योगिक शांति दस्ते ’’ के गठन का उल्लेख नहीं है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि उद्यमियों की इस मग को एन सी आर चैम्बर द्वारा लगातार सरकार के समक्ष रखा गया है.

दूसरी तरफ गत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी हरियाणा के किसी पिछड़े औद्योगिक क्षेत्र को हिमाचल व उत्तराखण्ड के तर्ज पर कर मुक्तक्षेत्र के रूप में विकसित करने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है. उनका कहना है कि यदि ऐसा किया जाता तो हमारे क्षेत्र में रोजगार सृजन बल मिलता साथ ही ओद्योगिक निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलती.

प्रथम दृष्टि में ऐसा लगता है कि बजट में उद्योगो के विकास के लिए मात्र 400 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जो कि इस क्षेत्र की आवश्कताओ को देखते हुए बहुत कम है. इसे बढ़ाया जाना चाहिये क्योकि सबसे अधिक रोजगार इन्हीं क्षेत्र के माध्यम से पैदा होता है। श्री यादव ने इसे कुल मिलाकर एक सामान्य बजट कहा है।

You cannot copy content of this page