केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के लोगों की उपेक्षा की
आर एस चौहान
नई दिल्ली : नवगठित राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के दो साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली के लोगों की सेवा करने में कोई रूचि नहीं होने का गंभीर आरोप लगाया।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल को राजधानी दिल्ली की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं रहा। दिल्ली के लोगों की पीड़ा और परेशानी से कोई वास्ता नहीं रहा। केजरीवाल के लिए दिल्ली अब सिर्फ़ सीढ़ी रह गयी है बाकि राज्यों में सत्ता हथियाने का, अपनी राजनीति चमकाने का।
दिल्ली आज कूड़े के ढेर पर है। हर साल डेंगू चिकुनगुनिया जैसी माहमारी से हाहाकार मचता है। प्रदूषण के प्रकोप से दिल्ली कराह रही है। आज “साफ़ दिल्ली” के एजेंडे को आम आदमी पार्टी समेत दिल्ली की तीनों सरकारों ने त्याग दिया है।
जनता के प्रति मुख्यमंत्री की असंवेदनशीलता पर प्रहार करते हुए अनुपम ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने कारगुज़ारियों से फ़रवरी 2015 में मिले अपार जनादेश का अपमान किया है। जो वादे किए उन्हें पूरा करना तो दूर, दिल्ली के उस आम आदमी को ही त्याग दिया जिसने उन्हें सत्ता में पहुँचाया।
स्वच्छता, महिला सुरक्षा, नशामुक्ति, वाईफ़ाई, स्कूल कॉलेज, शिक्षकों की भर्ती, झुग्गी झोपड़ी, अनाधिकृत कॉलोनी, दिल्ली देहात से लेकर लोकपाल और स्वराज बिल जैसे वादों तक केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के साथ छलावा किया है।
अफ़सोस की बात है कि इतने बड़े आंदोलन के बाद दिल्ली आज भी असुरक्षित है। आम आदमी पार्टी ने महिला सुरक्षा दल और 47 फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट्स का वादा किया लेकिन किया कुछ नहीं। सीसीटीवी कैमरे, डार्क स्पॉट्स मिटाना और लास्ट माईल कनेक्टिविटी सब जुमले निकले।
दिल्ली को नशामुक्त करने का वादा करके सत्ता में आयी इस सरकार ने 399 नए ठेके दे दिए, विदेशी शराब 54% बढ़ा दी, ड्राई डे की संख्या 21 से घटाकर 17 कर दिए। मज़ेदार बात ये है कि दिल्ली को शराब के अन्धकार में धकेलने के बाद आम आदमी पार्टी पंजाब को भी नशामुक्त करने का वादा कर आई।
500 स्कूल और 20 कॉलेज खोलने का लिखित वादा किया लेकिन खोलना तो दूर संख्या में कमी आ गयी। आज तक एक भी स्थाई शिक्षक की नियुक्ति नहीं की। गेस्ट टीचर्स को तो इतने अपमान सहने पड़े जिसका कोई हिसाब नहीं। इसी तरह ठेका प्रथा ख़त्म करने का वादा किया लेकिन सिर्फ़ ठेके पर ही नियुक्ति की। यहाँ तक की सुप्रीम कोर्ट के समान कार्य समान वेतन के निर्देश को भी लागू नहीं किया।
दिल्ली देहात और झुग्गी झोपड़ियों की हालत भी खस्ता है। अनधिकृत कॉलोनियों को तो सरकार बनने के एक साल के अंदर अंदर ही नियमित करके मालिकाना हक़ दे देने का वादा किया गया था। लेकिन दो साल बाद भी इसपर कोई प्रगति नहीं है।
सबसे दुखद पहलु तो आम आदमी पार्टी का जनलोकपाल के प्रति दोहरा रवैय्या और देश की जनता को दिया हुआ धोखा है। सरकार बनने के बाद आंदोलन के इस मांग और सपने को पूरा करने की बजाए लोकपाल का जोकपाल बना दिया गया।
सरकारी पैसे से केजरीवाल के अपने प्रचार पर अंधाधुंध खर्च से लेकर विधायकों की कारगुज़ारियों तक हर मामले में आदमी आदमी पार्टी की दो साल की सरकार ने दिल्ली की जनता और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को धोखा दिया है।
ज्ञात हो कि स्वराज इंडिया ने रविवार को ऐतिहासिक रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन कर दिल्ली की दशा दिशा का आईना सबके सामने रखा। पार्टी ने हुँकार भरते हुए चुनावी अभियान का आगाज़ किया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने रामलीला मैदान की “जवाब दो हिसाब दो” रैली में “साफ़ दिल, साफ़ दिल्ली” का नारा दिया।