व्यापम घोटाले में सुप्रीम कोर्ट का अहम् फैसला
नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए 500 से ज्यादा छात्रों के मेडिकल दाखिले रद्द करने का निर्णय दिया हैं. मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने छात्रों की ओर से दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया और 2008-2012 के दौरान हुए 500 से अधिक एमबीबीएस छात्रों के एडमिशन को रद्द करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि दाखिले और भर्ती को लेकर मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला सामने आया था. इसमें अब तक 48 लोगों व अहम् गवाहों की मौत भी हो चुकी है.
उल्लेखनीय है कि इंदौर पुलिस ने 2009 के पीएमटी प्रवेश से जुड़े 20 नकली अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर इस घोटाले को उजागर किया था. सभी नकली अभ्यर्थी किसी दूसरे छात्र-छात्राओं के बदले परीक्षा दे रहे थे। इन छात्रों से पूछताछ के बाद बड़ा खुलासा हुआ और पता चला कि राज्य में इस प्रकार के रैकेट का जाल बना हुआ है जो फर्जी तरीके से एडमिशन कराते हैं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल राज्य में प्रवेश व भर्ती को लेकर परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है। इस संस्था के पास राज्य की कई प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन की जिम्मेवारी है. कई अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार में करीब 1000 फर्जी नियुक्तियां और 514 फर्जी भर्तियां शक के दायरे में हैं. घोटाले के आरोपी जगदीश सागर ने बताया था कि परिवहन विभाग में कंडक्टर पद के लिए 5 से 7 लाख, फूड इंस्पेक्टर के लिए 25 से 30 लाख और सब इंस्पेक्टर की भर्ती के लिए 15 से 22 लाख रुपये लेकर फर्जी तरीके से नियुक्तियां की जाती रहीं हैं.
इस घोटाले से जुड़े 48 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। मरने वालों में व्यापम घोटाले के आरोपी समेत कई हाईप्रोफाइल नाम शामिल हैं। व्यापम घोटाले की जांच के दौरान कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं.