समरसता के लिए संतों ने किया लोगों का आह्वान
गुरुग्राम। हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला के समापन समारोह से पूर्व आयोजित समरसता सम्मेलन समाज में फैली विघटनकारी शक्तियों को समाप्त करने के संकल्प के साथ समाप्त हुआ। सम्मेलन में मौजूद वक्ताओं और श्रोताओं ने एक स्वर में कहा कि सामाजिक समरसता के बिना मजबूत व विकसित राष्ट्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वक्ताओंं ने गांव-गांव में भी इस तरह के सामाजिक समरसता सम्मेलन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यवाह सीताराम व्यास ने कहा कि छुआछूत पाप नहीं है तो दुनिया में दूसरा कोई और पाप नहीं हो सकता।
उनके अनुसार सामाजिक समरसता के लिए हमारे महापुरुष, संत-महात्मा प्राचीन समय से ही प्रयास करते रहे हैं। उनके अनुसार आधुनिक युग में भी डॉ. भीमराम अंबेडकर, स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, महात्मा गांधी व महात्मा फुले जैसे अनेक महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने सामाजिक समरसता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। हम सबको मिलकर इस दिशा में अपने कत्र्तव्य का ईमानदारी से पालन करना होगा, तभी ऐसे सम्मेलनों की सार्थकता बन पाएगी।
दिल्ली से पधारे महामण्डलेश्वर स्वामी नवलकिशोर ने भी रामायण काल के उदाहरण देते हुए बताया कि छुआछूत अपनी सनातन संस्कृति की भावना के विपरीत है। हम सब एक हैं, अनेकता में एकता भारत का मूल स्वरूप है। राष्ट्रीय अस्मिता व वैचारिक उत्थान के लिए ऐसे समरसता सम्मेलन पर अधिक बल दिया जाना चाहिए।
स्वामी शरणानंद ने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के सम्मेलन शहरों के साथ ही गांव-गांव में किए जाने चाहिए। दीन-हीन, अहसाय व छुआछूत का दंश झेल रहे ग्रामीण अंचल के लोगों को इससे मुक्ति तभी मिलेगी जब गांव-गांव में इस तरह के सम्मेलन किए जाएंगे। दहिया खाप से विशेष तौर पर सम्मेलन में आमंत्रित सुरेंद्र दहिया ने कहा कि कुछ भ्रमित लोग समाज में विघटन का कारण बन रहे हैं। हमें ऐसी शक्तियों से सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सामाजिक समरसता बनी रहेगी, तभी हम विकास के पथ पर बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक इस तरह की बातें खापों में होती थी लेकिन यूं सम्मेलन आयोजित करके सामाजिक समरसता के लिए सरहानिय कार्य किया जा रहा है।
सम्मेलन में परमानंद जी महाराज, गन्नौर से आए रवि शाह, रिटायर्ड आईएएस एससी चौधरी, स्वामी परमानंद जी, सोमानी ग्रुप के सतीश विश्वकर्मा के अलावा गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने भी आशीर्वचन देते हुए कहा कि यह सम्मेलन समाज को दिशा देने में निश्चित तौर पर सफल होगा। इस सम्मेलन में हरियाणा भर से आए हुए लोगों ने कहा कि हरियाणा के प्रत्येक जिले में ऐसे सम्मेलन किए जाने चाहिएं। इस अवसर पर मेले के संरक्षक पवन जिंदल, अध्यक्ष राकेश अ्रग्रवाल, महासचिव विकास कपूर, सह सचिव योगेन्द्र मलिक, विद्याभारती के प्रदेश संगठन मंत्री बालकिशन एवं सहसंगठन मंत्री रवि कुमार, गौरक्षा प्रकोष्ठ के भानीराम मंगला, गुडग़ांव मार्किट कमेटी के चेयरमैन डा. सत्यप्रकाश कश्यप, पार्षद मधु आजाद आदि भी उपस्थित रहे।