मुख्यमंत्री ने बार काउन्सिल के लिए 21 लाख रुपए का अनुदान दिया
द एडवोकेटस वेलफेयर फंड अधिनियम, 2001 के तहत कल्याण योजना आरम्भ
चण्डीगढ़, 19 अगस्त : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में वकीलों की सहायता के लिए डिजीटल लाईब्रेरी खोली जाए क्योंकि आज का युग डिजीटल युग हैं और इससे वकीलों को शीघ्रता के साथ सही समय पर नए-नए कानूनों और निर्णयों की जानकारी मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के जिन जिलों में डिजीटल लाईब्रेरी नहीं हैं, उनके लिए दो-दो लाख रुपए की राशि देने की घोषणा भी की। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने बार काउन्सिल के लिए भी 21 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएं व जानकारी आज यहां पंजाब एवं हरियाणा बार काऊसिंल की ओर से द एडवोकेटस वेलफेयर फंड अधिनियम, 2001 के तहत कल्याण योजना के शुभारंभ अवसर पर की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 25 रुपए की वेलफेयर स्टैम्प की भी शुरूआत की। उन्होंने इस अवसर पर वकीलों को आगाह करते हुए कहा कि इस कल्याण योजना के तहत फंड एकत्रित करने के लिए मुकदमेबाजी अधिक न हों, ऐसा अवश्य ध्यान रखा जाए। उन्होंने वकीलों से आह्वान करते हुए कहा कि जो वकील ज्यादा कमाई करते हैं वे सामाजिक सुरक्षा और विकास में अपना योगदान दें ताकि देश व प्रदेश का विकास हो और इससे अंतोदय का अर्थ भी सफल होगा।
उन्होंने प्रदेश के वकीलों से अपील करते हुए कहा कि वे गरीब व असहाय व्यक्तियों की सहायता व सहयोग करके भी अपना योगदान दे सकते हैं ताकि उन्हें किफायती व त्वरित न्याय मिल सकें। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार ने गरीबों की सहायता के लिए निशुल्क विधिक सहायता केन्द्र खोले हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सदैव ही लोकहित के कार्यों के लिए आगे रहती हैं और कार्य करती हैं परंतु जिन वकीलों की आय अधिक हैं और उनका सामर्थ्य अधिक है तो वे भी समाज के कल्याण में अपना योगदान दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि फंड सृजित किया जाए और इसमें पारदर्शिता के साथ काम किया जाए ताकि एक समय के बाद ऐसे सभी व्यक्तियों की मदद की जाए जो बिमार व सेवानिवृत हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश में नोटबंदी का एक बडा फैसला लिया गया जिससे काला धन अर्जित करने वालों की कलई खोली गई और इसका सबसे बडा असर यह रहा है कि आज लोग ईमानदारी से आय की कमाई करते हैं अर्थात नोटबंदी से एक मानस बना हैं। मुख्यमंत्री ने जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा कि जीएसटी लागू से होने से लोगों व व्यापारियों को एक प्रकार से सुविधा हुई है क्योंकि पहले एकाधिक कर थे और अब 7 से 8 करों को समायोजित करके जीएसटी लागू किया गया है।
उन्होंने प्रदेश में वृद्धों को दी जाने वाली सम्मान सहायता राशि का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल ने वृद्धों को 100 रुपए की पेंशन शुरू की थी, जो एक अच्छा कदम था और आज उनकी सरकार ने इस पेंशन को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वृद्धों को अब 1600 रुपए की पेंशन दी जा रही है जो 1 जनवरी, 2018 को 1800 रुपए और 1 जनवरी, 2019 को 2000 रुपए हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों का मत है कि यदि फंड में थोडा-थोडा योगदान होता है तो यह जरूरतमंद व्यक्ति को सहायता प्रदान कर सकता है, जिस प्रकार से सरकारी कर्मचारियों का भविष्य निधि होती है और जिसमें कर्मचारी व सरकार के माध्यम से योगदान किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने द एडवोकेटस वेलफेयर फंड अधिनियम, 2001 के तहत कल्याण योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक अच्छा व नायाब तरीका है जिसके तहत बिमारी, मृत्यु व लाईसेंस छोडने के उपरांत वकील को सहायता राशि मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने इस योजना पर अपना सुझाव देते हुए कहा कि इस योजना में बीमा का भी विकल्प रखा जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा राशि जरूरतमंद को मुहैया करवाई जा सके।
इससे पूर्व, हरियाणा के महाधिवक्ता और द एडवोकेटस वेलफेयर फंड अधिनियम, 2001 के तहत कल्याण योजना के अंतर्गत ट्रस्टी कमेटी के चेयरमैन बलदेव राज महाजन ने कहा कि द एडवोकेटस वेलफेयर फंड अधिनियम वर्ष 2001 में केन्द्र सरकार द्वारा पारित किया गया था और हरियाणा में इस अधिनियम के नियम वर्ष 2014 में बनाए गए थे परंतु वह लागू नहीं हो पाए थे और आज इसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसे मूर्त रुप दिया है। उन्होंने कहा कि वकील को समाज में एक सामाजिक व पेशेवर रुप से देखा जाता हैं परंतु जब कोई भी वकील कोई केस लेता है तो उसकी व कलाईंट की यही एक सबसे बडी चिंता होती है कि उसके केस में बेहतर हो। उन्होंने द एडवोकेटस वेलफेयर फंड अधिनियम, 2001 के तहत कल्याण योजना के मुख्य मुख्य बिंदूओं पर भी प्रकाश डाला तथा इस योजना में भाग लेने के लिए समाप्त हो गई तिथि को भी आगामी दो महीने तक बढाने की घोषणा की ताकि इस कल्याण योजना में ज्यादा से ज्यादा से वकील भागीदारी हो सकें।
इस मौके पर बार काऊसिंल के चेयरमैन श्री जयवीर सिंह यादव, ट्रस्टी कमेटी के सदस्य लोकेश सिनहाल ने भी अपना-अपना संबोधन दिया। इस कार्यक्रम में श्री वी एस अहलावत ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, हरियाणा के महाधिवक्ता श्री बलदेव राज महाजन को कमेटी के पदाधिकारियों की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं, हरियाणा राज्यभर से आए विभिन्न जिला बार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर बार काऊसिंल के वाईस चेयरमैन करनजीत सिंह, रूल एवं डाफटिंग कमेटी के चेयरमैन अशोक सिंगला, हरभगवान चौधरी सहित अन्य वकील व पदाधिकारी भी उपस्थित थे।