मारुति सुजूकी प्रकरण : बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें जारी

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एक को फिर होगी सुनवाई

गुडग़ांव,(अशोक): मारुति सुजूकी प्रकरण में मंगलवार को भी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता रेबिका जोन व वृंदा ग्रोवर ने बचाव पक्ष की ओर से अदालत में आरोपियों के पक्ष में दलीलें दी। अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलों में आरोपियों का पक्ष रखते हुए कहा कि आरोपी निर्दोष हैं। उनके खिलाफ हत्या का मामला बनता ही नहीं है, जबकि घटना के हालात भिन्न हैं।

 

इस मामले में जो आरोपी हैं, उनमें से कई के खिलाफ किसी भी गवाह ने अदालत में गवाही नहीं दी है और न ही गवाह आरोपियों की पहचान कर सके हैं। आरोपियों को गलत रुप से इस मामले में फंसाया गया है। अधिवक्ताओं ने कंपनी में लगी आग को संदिग्ध बताते हुए कहा कि इसमें आरोपियों की कोई भूमिका नहीं है। अदालत में जिला जेल में बंद 9 आरोपियों के अलावा जमानत पर रिहा हुए 139 आरोपियों की पेशी भी हुई। अधिवक्ताओं की कई घंटे दलीलें चली। उनका पक्ष पूरा नहीं हो पाया है। जिस पर अदालत ने आगामी एक फरवरी को बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को अपना पक्ष रखने का आग्रह किया है। अब एक फरवरी को ही इस मामले में सुनवाई होगी। इस तारीख पर अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर आरोपियों को निर्दोष साबित करने के लिए दलीलें देंगी।

 

गौरतलब है कि वर्ष 2012 की 18 जुलाई को आईएमटी मानेसर स्थित मारुति सुजूकी कंपनी में हिंसात्मक घटना घटित हो गई थी, जिसमें एक उच्चाधिकारी की मौत भी हो गई थी। कंपनी के तत्कालीन जीएम ने मानेसर पुलिस थाना में शिकायत दी थी, जिस पर पुलिस ने हत्या व विभिन्न आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर 148 श्रमिकों को गिरफ्तार कर लिया था। कंपनी प्रबंधन ने एक माह तक कंपनी में तालाबंदी भी कर दी थी।

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