ईएसआई अस्पतालों में डाईलिसिस सुविधा : डी के मिश्रा

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इंडस्ट्रियल डवलैपमेंट एसोसिएशन सेक्टर-37 का जागरूकता सेमिनार

गुरूग्राम। कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम स्वतंत्र भारत के कामगारों को व्यापक सामाजिक सुरक्षा देने की दृष्टि से 1948 में संसद द्वारा पारित पहला बड़ा विधेयक था। यह अधिनियम बीमारी प्रसुति तथा रोजगार चोट और व्यवसायिक रोगों के कारण मृत्यु तथा अपंगता जैसी आकस्मिकताओं में संगठित क्षेत्र में कार्यरत कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है।

 

उक्त जानकारी कर्मचारी राज्य बीमा निगम गुरूग्राम के निदेशक  डी के मिश्रा दे रहे थे। श्री मिश्रा इंडस्ट्रियल डवलैपमेंट एसोसिएशन सेक्टर-37 द्वारा आयोजित ईएसआई के जागरूकता सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। श्री मिश्रा ने कहा कि राज्य कर्मचारी बीमा निगम विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाला संगठन है और हर वक्त नए रूप में सामाजिक सुरक्षा देने का प्रयास कर रहा है। उन्होनें कहा कि ईएसआई के अस्पतालों में डाईलाईसिस लगाने की सुविधा मरीजों को दे दी गई है।

 

उन्होनें सेमिनार में उपस्थित उद्योगपतियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ईएसआई के अस्पतालों में श्रमिकों के आश्रित बुजुर्गो के लिए अलग से ओपीडी सातों दिन दो बजे से तीन बजे तक का विशेष रूप से इंतजाम किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर रोज अस्पताल में दाखिल मरीजों की बेडशीट को बदला जा रहा है व हर रोज नए रंग की बेडशीट मरीजों को मुहैया करवाई जा रही है। उन्होनें उद्योगपतियों से आहवान किया कि वे ईएसआई में श्रमिकों के पंजीकरण के लिए उनके कार्यालय का चक्कर काटने की आवश्यकता नही है बल्कि वे स्वयं ही ऑनलाईन अपने श्रमिकों का रजिस्टे्रशन करवा सकते है।

 

उन्होनें कहा कि उद्योगों का निरीक्षण को पारदर्शी व भ्रष्टाचार रहित बनाने के लिए पारदर्शी निरीक्षण पोलिसी के तहत पोर्टल पर आए हुए संस्थानों के नामों का ही निरीक्षण किया जाएगा। श्री मिश्रर ने अपने सम्बोधन में कहा कि श्रमिकों को सेवानिवृत्ति के पश्चात भी उसे स्वयं व उसके आश्रितों को 120 रूपए सालाना पर सभी मेडिकल सुविधाएं ईएसआई द्वारा दिए जाने का प्रावधान भी केन्द्र सरकार द्वारा कर दिया गया है।

 

सेमिनार में उपस्थित ईएसआई के उप निदेशक ऐके गर्ग ने सेमिनार में उद्योगपतियों को जागरूक करते हुए बताया कि विभाग में 20 दिसंबर 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच में जो भी नियोक्ता अपनी संस्थान को ईएसआई में कवर करवाने के लिए आएगा तो उससे पिछला कोई भी रिकॉर्ड और कागजात नही मांगे जाएंगे। इसके अतिरिक्त उन्होनें जानकारी देते हुए बताया कि ईएसआई ने ईएसआई की सीलिंग को 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 21 हजार रूपए कर दिया है।

 

उन्होनें बताया कि 1 जनवरी से जिस श्रमिक का मासिक वेतन 21 हजार रूपए है वो ईएसआई के दायरे में आएगा। सेमिनार में उपस्थित ईएसआई सेक्टर 9 अस्पताल के एसएस डाक्टर कायम सिंह ने बताया कि गुडग़ांव में ईएसआई की तरफ से 12 डिस्पेंसरियां श्रमिकों को मेडिकल सुविधाए दे रही है। जो सुविधाए ईएसआई के पास नही है उन सुविधाओं के लिए प्राईवेट अस्पतलाओं को जोड़ा गया है। उन्होने बताया कि ईएसआई के अस्पतालों में 24 घंटे ईमरजेंसी की सुविधा मुहैया करवाई हुई है। इंडस्ट्रीयल डेवलपैमेंट एसोसिएशन सेक्टर 37 के महासचिव दीपक मैनी ने सेमिनार को सम्बोधित करते हुए ईएसआई के अधिकारियों को कहा कि सेक्टर 37 उद्योगिक क्षेत्र में ईएसआई की डिस्पेंशरी स्थापित की जाए व इसके साथ-साथ रात के समय गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी सुनिश्चित की जाए।

 

श्री मैनी ने ईएसआई के अधिकारियों को कहा कि उनके अस्पतालों में मेय आई हेल्प यू डेस्क को स्थापित नही किया गया है जिससे मरीज श्रमिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिस पर मुख्य अतिथि डीके मिश्रा ने उपरोक्त सभी समस्याओं को दूर करने का आश्वासन देते हुए कहा कि सभी समस्याएं तुरंत प्रभाव से निपटा दी जाएगी।

 

 

सेमिनार का संचालन करते हुए लेबर लॉ एडवाईजरस एसोसिएशन के संयोजक आरएल शर्मा एडवोकेट कहा कि ईएसआई अस्पतालों में अच्छे व्यवहार की बहुत आवश्यकता है। श्री शर्मा ने कहा कि यदि मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए तो उन्हें कम से कम उपचार की आवश्यका होती है। सेक्टर-37 स्थित सुकैम पॉवर कंपनी के कार्यालय में अयोजित सेमिनार में ईएसआई पीएफ के कंस्लटेंट कृष्ण गोसाई, एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्य दुर्गेश वाधवा, महेन्द्र अरोड़ा, एसएस दुआ, संजीव मैनी, एमपी जैन, वरिष्ठ उद्योगपति उमेश कुमार, डीपी कौशिक, स्नेहलता, सुनील कुमार, कुसुम कुमारी, जितेन्द्र यादव के अलावा सैकड़ों उद्योगपति सेमिनार में उपस्थित रहे।
नोट : खबर के साथ फोटो भी है।

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