नई दिल्ली : भारत में एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण कार्यक्रम के तहत कुल 10 कंपनियों ने अपनी बोलियां जमा की हैं जिसके लिए भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने 22 अक्टूबर 2021 को ‘प्रस्ताव का आग्रह’ (आरएफपी) जारी किया था। इसके लिए 14 जनवरी 2022 को 11:00:00 बजे सुबह तक आवेदन मंगाए गए थे और 15 जनवरी 2022 को तकनीकी बोलियां खोली गईं। विनिर्माण सुविधा को दो साल की अवधि के भीतर स्थापित करना होगा। इसके बाद भारत में निर्मित बैटरियों की बिक्री पर पांच साल की अवधि में प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
सरकार ने 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय खर्च के साथ भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एसीसी के पचास (50) गीगा वाट घंटे (जीडब्ल्यूएच) की विनिर्माण क्षमता हासिल करने के लिए प्रोडक्शन लिन्क्ड इनसेंटिव (पीएलआई) योजना ‘एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम’ को मंजूरी दी। उक्त पहल के तहत सरकार का जोर अधिक से अधिक घरेलू मूल्यवर्धन हासिल करने पर है। इसके साथ ही सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि भारत में बैटरी निर्माण की लागत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी रहे।
कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह प्रौद्योगिकी आधारित है। लाभार्थी कंपनी किसी भी काम में आने वाली बैटरी के निर्माण के लिए बैटरी निर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए उपयुक्त उन्नत प्रौद्योगिकी और संबंधित संयंत्र एवं मशीनरी, कच्चे माल और अन्य जरूरी सामान चुनने के लिए स्वतंत्र होंगी।
एसीसी पीएलआई योजना के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों की सूची निम्नलिखित है:
क्रम संख्या | आवेदक का नाम |
1 | रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड |
2 | हुंडई ग्लोबल मोटर्स कंपनी लिमिटेड |
3 | ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड |
4 | लुकास-टीवीएस लिमिटेड |
5 | महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड
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6 | अमारा राजा बैटरीज लिमिटेड |
7 | एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड |
8 | राजेश एक्सपोर्ट्स लिमिटेड |
9 | लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड |
10 | इंडिया पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड |
कुल | लगभग 130 गीगा वाट घंटे |
इस कार्यक्रम में एक ऐसे निवेश की परिकल्पना की गई है जो घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देगा और देश में एक पूर्ण घरेलू आपूर्ति श्रृंखला और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विकास के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों और स्थिर भंडारण दोनों के लिए बैटरी भंडारण की मांग बढ़ाने का काम करेगा। एसीसी पीएलआई योजना से कच्चे तेल के आयात में उल्लेखनीय कमी और राष्ट्रीय ग्रिड स्तर पर अक्षय ऊर्जा के हिस्से में वृद्धि के कारण राष्ट्र को बचत होने की उम्मीद है।
एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) (₹18,100 करोड़) के लिए यह पीएलआई योजना मोटर वाहन क्षेत्र के लिए पहले से ही शुरू की गई पीएलआई योजना (₹25,938 करोड़) और इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण के तेज़ अनुकूलन (एफएएमई) (₹10,000 करोड़) के साथ भारत को पारंपरिक जीवाश्म ईंधन आधारित मोटर वाहन परिवहन प्रणाली से पर्यावरण की दृष्टि से स्वच्छ, टिकाऊ, उन्नत और अधिक कुशल इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आधारित प्रणाली में छलांग लगाने में सक्षम बनाएगी।
उद्योग जगत ने विश्व स्तर के विनिर्माण स्थल के रूप में भारत की शानदार प्रगति में अपना विश्वास व्यक्त किया है जो प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के स्पष्ट आह्वान के साथ दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है।