डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ संयुक्त प्रेस मीट में प्रधानमंत्री मोदी क्या बोले ?

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेड्रिक्सन के साथ हुई द्वपक्षीय वार्ता के बाद कहा कि आज की बातचीत में हमने अनेक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बहुत विस्तार से, और बहुत उपयोगी चर्चा की। मैं विशेष तौर से डेनमार्क के प्रति आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमें डेनमार्क की ओर से बहुत मजबूत समर्थन मिलता रहा है। भविष्य में भी, हम दो लोकतांत्रिक मूल्यों वाले देश, rules based order में विश्वास करने वाले देश, एक दूसरे के साथ इसी प्रकार से मजबूत सहयोग और समन्वय के साथ काम करते रहेंगे।

 

 

पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत से पहले, यह हैदराबाद हाउस नियमित रूप से Heads of Government और Heads of State के स्वागत का साक्षी रहा है। पिछले 18-20 महीनों से यह सिलसिला थमा हुआ था। मुझे प्रसन्नता है कि आज एक नए सिलसिले की शुरुआत डेनमार्क के प्रधानमंत्री की यात्रा से हो रही है।

यह भी सुखद संयोग है कि यह आपकी पहली भारत यात्रा है। आपके साथ आए सभी डेनिश delegates और business leaders का भी मैं स्वागत करता हूं।

उन्होंने कहा कि आज की हमारी मुलाकात भले ही पहली रूबरू मुलाकात थी, लेकिन कोरोना कालखंड में भी भारत और डेनमार्क के बीच संपर्क और सहयोग की गति बरकरार रही थी। In fact, आज से एक साल पहले, हमने अपनी virtual summit में भारत और डेनमार्क के बीच Green Strategic Partnership स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। यह हम दोनों देशों की दूरगामी सोच और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है। यह Partnership एक उदाहरण है, कि किस प्रकार सामूहिक प्रयास के द्वारा, technology के माध्यम से, पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए, Green Growth के लिए काम किया जा सकता है। आज हमने इस साझेदारी के अंतर्गत हुई प्रगति को review भी किया, और आने वाले समय में Climate Change के विषय पर सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया भी। इस संदर्भ में, यह भी बहुत प्रसन्नता की बात है कि डेनमार्क International Solar Alliance का सदस्य बन गया है। हमारे सहयोग में यह एक नया आयाम जुड़ा है।

पीएम मोदी ने कहा कि डेनिश कंपनियों के लिए भारत नया नहीं है। Energy, food processing, logistics, infrastructure, machinery, software आदि अनेक क्षेत्रों में डेनिश कंपनियां लंबे समय से भारत में काम कर रही हैं। उन्होंने न सिर्फ ‘Make in India’ बल्कि ‘Make in India for the World’ को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत की प्रगति के लिए जो हमारा vision हैं, जिस scale और speed से हम आगे बढ़ना चाहते हैं, उसमे डेनिश expertise और डेनिश technology बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में आए reforms, विशेष रूप से manufacturing sector में उठाए गए कदम,ऐसी कंपनियों के लिए अपार अवसर प्रस्तुत कर रहे हैं। आज की मुलाकात में हमने ऐसे कुछ अवसरों के बारे में भी चर्चा की।

उनका कहना था कि हमने आज एक निर्णय यह भी लिया, कि हम अपने सहयोग के दायरे का सतत रूप से विस्तार करते रहेंगे, उसमें नए आयाम जोड़ते रहेंगे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने एक नई पार्टनरशिप की शुरुआत की है। भारत में Agricultural productivity और किसानों की आय बढ़ाने के लिए, कृषि सम्बंधित technology में भी हमने सहयोग करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत, food safety, cold chain, food processing, fertilizers, fisheries, aquaculture, आदि अनेक क्षेत्रों की technologies पर काम किया जायेगा। हम Smart Water Resource Management, ‘Waste to Best’, और efficient supply chains जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि आज की बातचीत में हमने अनेक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बहुत विस्तार से, और बहुत उपयोगी चर्चा की। मैं विशेष तौर से डेनमार्क के प्रति आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमें डेनमार्क की ओर से बहुत मजबूत समर्थन मिलता रहा है। भविष्य में भी, हम दो लोकतांत्रिक मूल्यों वाले देश, rules based order में विश्वास करने वाले देश, एक दूसरे के साथ इसी प्रकार से मजबूत सहयोग और समन्वय के साथ काम करते रहेंगे।

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