पिछले दो सप्ताह से प्रदेश में जारी लॉकडाउन से अधिसंख्य मजदूर हो गए हैं बेरोजगार
सैक्टर-7 आई एम् टी मानेसर, गुरुग्राम के एस एच ओ ने की खास पहल
अपनी देखरेख में लेबर चौक पर उपस्थित मजदूरों में करवाते हैं पका हुआ भोजन वितरित
अपने थाना में ही भोजन तैयार करवाते हैं जबकि स्वास्थ्य सुरक्षा का रखते हैं पूरा ध्यान
गुरुग्राम: गुरुग्राम पुलिस की ओर से की गई विशेष मानवीय पहल से कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न विषम परिस्थिति और लॉक डाउन के कारण बेरोजगारी से जूझ रहे हजारों मजदूरों व अन्य लोगों को बड़ी रहत मिली है. इंस्पेक्टर यशवन्त सिंह, थाना प्रबंधक, सैक्टर-7 आई एम् टी मानेसर, गुरुग्राम की ओर से नियमित रूप से दोनों समय जरूरतमंद व दिहाड़ी मजदूरों में भोजन वितरित किया जा रहा है. उनकी ओर से मानेसर स्थित ऑक्सीजन गैस प्लांट में ऑक्सीजन गैस लेने आने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों के लिए जलपान की व्यवस्था भी की लगातार की जा रही है. कोरोना संक्रमण के भीषण संकटकाल में गुरुग्राम पुलिस का यह सामाजिक स्वरूप अन्य क्षेत्रों में भी काम करने वाले सरकारी व गैर सरकारी कर्मियों के लिए अनुकरणीय बन गया है. उनकी इस सकारातमक कोशिश ने हजारों मजदूरों को गुरुग्राम से पलायन करने से रोक दिया .
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के संक्रमण की रोकथान के लिए राज्यभर में प्रदेश सरकार की ओर से लागू किए गए लॉकडाउन के चलते रोजाना काम कर अपनी रोजी रोटी कमाने वाले दिहाड़ी मजदूरों सहित कम्पनियों में काम करने वाले मजदूर बड़ी संख्या में बेरोजगार हो अगये हैं. उन्हें अपना जीवन यापन करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस आयुक्त गुरुग्राम, के.के. राव ने जिला के सभी पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को कोरोना काल मे आमजन की हरसंभव मदद करने का निर्देश दिया है. वे स्वयं भी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर स्थितियों का जायजा लेते रहते हैं और सम्बंधित थाना क्षेत्र में तैनात अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते रहते हैं.
आई एम् टी मानेसर एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहाँ बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर अपनी रोजी रोटी कमाने आते है. साथ ही व्यवासायिक गतिविधियों में शामिल होने वाले विभिन्न श्रेणी के श्रमिक व उनके परिवारों की संख्या भी काफी अधिक है. लेकिन कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पिछले दो सप्ताह से प्रदेश में जारी लॉकडाउन से अधिसंख्य मजदूर काम धंधे बंद होने के कारण बेरोजगार हो गए हैं. इनके पास जीविका का कोई साधन नहीं है. अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी इन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
मानेसर क्षेत्र में रहे हजारों की संख्या में ऐसे मजदूरों/जरूरतमंदो की परेशानियों के मद्देनजर थाना सैक्टर-7 आई एम् टी मानेसर, गुरुग्राम के एस एच ओ, इंस्पेक्टर यशवन्त सिंह ने खास पहल की है . उन्होंने इन मजदूरों के लिए दोनों समय के भोजन की व्यवस्था करवाई है. इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी सभी सावधानियों का अनुसरण भी कराया जाता है जिससे संक्रमण का खतरा नहीं रहता है. उनकी कोशिश रहती है कि लेबर चौक आई एम् टी मानेसर व उसके आसपास लॉक डाउन में फंसे मजदूरों/जरूरतमंद परिवारों को दोनों समय का पका हुआ भोजन मिल जाए. वे अपनी देखरेख में वहाँ उपस्थित मजदूरों में भोजन वितरित करवाते हैं.
विशेष बात यह है कि एस एच ओ यशवन्त सिंह भोजन वितरित करते हुए सभी लोगों को कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए सभी दिशा-निर्देशों/आदेशो के बारे में भी विस्तार से समझाते हैं. उनका फोकस केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड 19 प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन करवाने पर रहता है. श्री सिंह लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के उपायों का पालन करने के लिए प्रेरित करते हैं और फेस मास्क भी निःशुल्क वितरित करते हैं।
इंस्पेक्टर यशवन्त सिंह ने बताया कि मजदूरों को दिए जाने वाले भोजन अपने थाना में ही तैयार करवाते हैं. स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखते हुए तैयार भोजन को पानी की बोतल के साथ पैक कर जरूरतमंदों/मजदूरों में वितरित करावाते हैं। उन्होंने बताया कि भोजन तैयार करने के क्रम में भी कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए जारी की गई गाइडलाईन का पूरा खयाल रखा जाता है. इसके अलावा थाना में भी भोजन रखवाया जाता है. जरूरतमंद लोग संक्रमण के सभी सावधानियां बरतते हुए थाना से खाना प्राप्त कर सकता है।
इससे पूर्व भी उनके द्वारा आई एम् टी मानेसर स्थित ऑक्सीजन गैस प्लांटों पर गैस लेने आए लोगों के लिए चाय, जलपान व स्नेक्स इत्यादि की व्यवस्था कराई गई थी जिसे लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए अब भी नियमित रूप से जारी रखा गया है. थाना सैक्टर-7 IMT मानेसर, गुरुग्राम के एस एच ओ की इस मानवीय कोशिश की क्षेत्र के लोग सराहना कर रहे हैं जबकि बेरोजगार मजदूर राहत महसूस कर रहे हैं. पिछले दो सप्ताह से आय का जरिया पूरी तरह बंद हो जाने के कारण भुखमरी की कगार पर खड़े गरीब मजदूरों में आशा की किरण दिखी है जिससे उन्हें पलायन के लिए मजबूर नहीं होना पड़ रहा है.